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जीवनरक्षक दवाएं : 145 में मात्र 26 दवा है उपलब्ध

मोतिहारी । स्वास्थ्य विभाग के पास 145 जीवनरक्षक दवाओं में से मात्र 26 दवाएं उपलब्ध है। इनमें से 119

By Edited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 01:01 AM (IST)
जीवनरक्षक दवाएं : 145 में मात्र 26 दवा है उपलब्ध

मोतिहारी । स्वास्थ्य विभाग के पास 145 जीवनरक्षक दवाओं में से मात्र 26 दवाएं उपलब्ध है। इनमें से 119 दवाओं का अभाव हो चुका है। जीवनरक्षक दवाओं में से अधिकांश दवाओं का स्टाक खत्म होने के कारण विभाग की परेशानियां बढ़ने लगी है। जो दवाएं उपलब्ध हैं उनसे ज्यादा दिनो तक काम नहीं चल सकेगा। यह हाल कई माह से कायम है। विभाग द्वारा एनडोर के 112 व आउटडोर के 33 दवाएं उपलब्ध कराई जाती है। दवाओं की किल्लत के कारण मरीजों की परेशानियां काफी बढ़ गई है। समस्या का समाधान नहीं होने के कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। अगर दवाओं का यही हाल रहा तो आने वाले कुछ दिनों में त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दवा की समस्या मार्च माह के अंतिम सप्ताह से उत्पन्न हुई जो आज काफी ज्यादा बढ़ गई है। विभाग के पास जिन दवाओं की किल्लत है उनमें से गैस की दवा, टैब्लेट, सूई, एंटीबायोटिक, सभी प्रकार की दर्द की दवा, बुखार, खासी, ताकत की दवाएं शामिल है। दवा खरीद के लिए पिछले माह निविदा की प्रक्रिया निविदाकर्ताओं द्वारा पूरा नहीं करने के कारण दवा खरीद नहीं हो सका है। दवा के कारण ओपीडी में सन्नाटा पसरा रहता है। दवाओं की किल्लत सभी पीएचसी पर भी कायम हो चुकी है। मरीज आ रहे है लेकिन बगैर दवाओं के वापस जाने को मजबूर है। विभागीय प्रक्रिया देखने से यह तय है कि अभी दवा संकट कायम रहेगा। इससे निजात मिलने में वक्त लग सकता है। तब तक मरीजों की समस्या विकराल रुप ले सकता है।

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=======================सील है 3 करोड़ 50 लाख की दवाएं

मार्च माह में तत्कालीन सिविल सर्जन डा. मीरा वर्मा द्वारा बगैर टेंडर के खरीदे गए 3 करोड़ 50 लाख की दवा आज भी सील हैँ। इन दवाओं पर तभी से प्रशासनिक पहरा लगा हुआ है। इन दवाओं के संबंध में अभी तक किसी प्रकार का निर्णय ना तो जिला प्रशासन द्वारा ही लिया जा सका है और ना ही विभाग के मुजफ़फरपुर स्थित आरडीडी कार्यालय द्वारा ही कोई ठोस कदम उठाया गया। इन सील दवाओं के अलावा पूर्व से खरीदे गई करीब 40 लाख की दवाओं का वितरण प्रशासनिक आदेश के बाद दवाओं का वितरण पीएचसी को किया गया।

वर्जनसील दवाओं के संबंध में किसी प्रकार का निर्णय प्रशासनिक स्तर पर नहीं लिया जा सका है। दवाओं की कमी से विभाग जूझ रहा है। निविदा की प्रक्रिया आवश्यक कागजात निविदाकर्ता द्वारा नहीं लगाने के कारण पूरी नहीं हो सकी है। सील दवाओं के संबंध में डीएम से बात की जाएगी।

- डा. आलोक कुमार, प्रभारी सिविल सर्जन


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