जाली नोट के दो कारोबारियों को दस साल की सजा, अर्थदंड
जाली नोट के एक मुकदमे की सुनवाई पूरी करते हुए प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश दयालाल प्रसाद ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए प्रत्येक को दस-दस वर्षो के सश्रम कारावास व एक लाख पचास हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।
मोतिहारी। जाली नोट के एक मुकदमे की सुनवाई पूरी करते हुए प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश दयालाल प्रसाद ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए प्रत्येक को दस-दस वर्षो के सश्रम कारावास व एक लाख पचास हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई। बताया गया है कि अब से चार साल पहले अरेराज में लाखों रुपये के जाली नोट पकड़े गए थे। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा पश्चिमी चंपारण के नौतन थानान्तर्गत दक्षिणी तेलुआ निवासी गोपाल सहनी व मंगलपुर निवासी नंदलाल महतो को सुनाई गई है। दोनों 22 सितंबर 2012 से जेल में बंद हैं। मामले में बेतिया नगर थाना के तत्कालीन पुअनि युसूफ अंसारी ने गो¨वदगंज (अरेराज) थाना कांड संख्या- 203/2012 दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि उन्हें गुप्त सूचना मिली कि बंगाल के मालदा से नकली नोटों का खेप लेकर दो कारोबारी चल रहे हैं। पहले कारोबारियों को बेतिया बस स्टैंड में जाली नोट उतारना था। परंतु बाद में पता चला कि जाली नोट सहित कारोबारी अरेराज बस स्टैंड में उतरने वाले है। पुलिस ने जाल बिछाया तथा रात्रि करीब 10 बजे नामजद दोनों व्यक्तियों को अरेराज बस स्टैंड में बस से उतरने के साथ धर दबोचा। दोनों व्यक्तियों की तलाशी के दौरान उनके पास से 4 लाख 99 हजार रुपये के जाली नोट पकड़े गए। जाली नोटों में पांच सौ व सौ-सौ की गड्डी थी। सत्र वाद संख्या-160/2013 के विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक म.नजीर ने 8 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने वाद विचारण में नामजद दोनों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए भादवि की धारा- 489बी/120बी में दस वर्ष का कारावास व एक लाख का अर्थदंड व धारा-489सी/120बी में सात वर्ष व 50 हजार के अर्थदंड की सजा दोनों को सुनाई। सजाएं साथ चलेंगी।