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आधुनिक तकनीकी अपनाने से आसान होगा काम: प्रो. साकेत

आधुनिक समय में हमें अधिक से अधिक डिजिटिकरण का प्रयोग करना चाहिए।

By Edited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 03:02 AM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 03:02 AM (IST)
आधुनिक तकनीकी अपनाने से आसान होगा काम: प्रो. साकेत

दरभंगा। आधुनिक समय में हमें अधिक से अधिक डिजिटिकरण का प्रयोग करना चाहिए। आने वाले समय में डिजिटिकरण मील का पत्थर साबित होगा। चन्द्रधारी मिथिला महाविद्यालय में शुक्रवार आयोजित डिजिटल इंडिया पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा ने कहीं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की बात की जाती है। विकासशील और विकसित देशों की चर्चा होती है। आखिर कोई देश विकासशील कैसे हो जाता है। यह सोचने की जरूरत है। चर्चा होती रहती है कि विश्व मुट्ठी में आ गया है। यह कैसे सम्भव हो पा है। यह लोग नहीं सोचते हैं। डिजिटिकरण से ही विश्व मुट्ठी में समा गया है। अगर हम इस दिशा में आगे नहीं बढ़ेंगे तो हम कभी विकसित राष्ट्र की श्रेणी में नहीं आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज विकसित राष्ट्र अधिक से अधिक डिजिटिकरण का उपयोग कर रहे हैं। जबकि, हम विकासशील देश इसका उपयोग करने में काफी पीछे है। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे डिजिटल लॉकर का उपयोग करे। यह काफी कारगर है।। वर्तमान में डिजिटिकरण राष्ट्रीय एजेंडा है। इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने प्राथमिकता के रूप में लिया है। आवश्यकता है इसका उपयोग अधिक से अधिक करने की। उन्होंने उदाहरण के रूप में कहा कि अगर हम अपने अंकपत्र व प्रमाण पत्र का डिजिटिकरण कर लेते हैं तो उसको सत्यापन में हमें धन और समय की बचत होगी। अगर हम डिजिटिकरण कर देते हैं तो विश्व में किसी स्थान से इसका सत्यापन हो जाएगा। आजकल दस्तावेजों के भौतिक रख रखाव में काफी कठिनाई होती है। अगर हम उसका डिजिटिकरण से रख रखाव करते हैं तो वह सुरक्षित भी रहेगा तथा उपयोग भी कभी भी कहीं से कर सकते हैं। डिजिटल इंडिया के प्रतिनिधि नवीन कुमार ने कहा कि देश की आबादी में पैंसठ फीसद युवक हैं। इसे देखकर केन्द्र सरकार डिजिटिकरण पर ज्यादा जोड़ दे रही है। युवाओं से जोड़ने का निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। अधिक से अधिक इस योजना की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है। विकास पदाधिकारी डॉ. केके साहु ने कहा कि दैनिक कार्यों में एक समाज के विकास के लिए अधिक से अधिक डिजिटिकरण का प्रयोग करने की अपील की। आगत अतिथि का स्वागत प्रधानाचार्य डॉ. वीरेन्द्र कुमार चौधरी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. आरएन चौरसिया ने किया। एक दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों के स्वयंसेवकों ने भाग लिया।


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