महिला आयोग ने बहू हत्या मामले में लिया संज्ञान
बहू हत्याकांड मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है।
दरभंगा। विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के सुंदरपुर स्थित बापू चौक पर घटित बहू हत्याकांड मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। दैनिक जागरण में छपी खबर के आधार पर शनिवार को दिल्ली से आयोग की सदस्य सुषमा साहू दरभंगा पहुंचकर मामले की जांच की। जिला कल्याण पदाधिकारी सत्येन्द्र नारायण चौधरी, विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष अमरेन्द्र ठाकुर की मौजूदगी में उन्होंने पूजा के ससुराल जाकर पुरे घर का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ने थानाध्यक्ष को गंभीरता से कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। कहा कि हत्या को आत्म हत्या के मामले में बदलने की कोशिश की जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो आपको दिल्ली आकर जवाब देना होगा। उन्होंने तीन दिनों के अंदर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि शव का तस्वीर देखने से यह लगता है कि पहले इसकी हत्या कर दी गई है। इसके बाद लाश को ठीकाना लगाने के लिए बगल के तालाब में फेंक दिया। हत्यारा के खुलेआम घूमने पर उन्होंने ¨चता जाहिर की। कहा कि आरोपियों में कानून का भय बना रहे ऐसी कार्रवाई त्वरित की जाए। उन्होंने तत्काल आरोपी के घर को सील करने का आदेश दिया। कहा कि इससे अनुसंधान में मदद मिलेगी। साथ ही अनुसंधान होने तक सभी किराएदारों को खाली करा दिया जाए। थानाध्यक्ष पर उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि तत्परता की कमी के कारण ही हत्यारोपी अभी तक पकड़ से बाहर है। मालूम हो कि 9 जनवरी को राजकुमार महासेठ ने बहू के लापता होने की सूचना पुलिस को दी गई। 11 जनवरी को मायके के लोग ने ससुराल वालों पर हत्या कर लाश को ठिकाना लगा देने की प्राथमकी दर्ज कराई गई। 12 जनवरी को देर शाम बगल के तालाब से पूजा का लाश बरामद किया गया। इससे लोग आक्रोशित होकर लोगों ने राजकुमार महासेठ के घर पर आगजनी कर तोड़-फोड़ की। इसमें दो बाइक को धू-धू कर जला दिया गया। मामले में ससुर व सास को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन, पति रंजीत कुमार महासेठ सहित अन्य आरोपी फरार हो गए।
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मामा के हवाले हुई बच्ची :
शव बरामद होने के बाद घटित घटना को देखते हुए पुलिस ने उसी क्षण पूजा के डेढ़ वर्षीय पुत्री को मामा राकेश कुमार रौशन को सौंप दिया। लेकिन, शनिवार को पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया को अपनाते हुए बच्ची को हस्तगत करा दिया। एएसपी दिलनबाज अहमद के निर्देश पर बच्च के मामा से लिखित लिया गया। साथ ही हिरासत में लिए गए आरोपी ससुर राजकुमार महासेठ की सास व बड़ी बहू को छोड़ दिया गया। इन लोगों को नामजद नहीं किया गया है। लेकिन, जरूरत पड़ने पर सभी को उपस्थित होने को कहा है। इस संदर्भ में भी सभी से लिखित लिया गया।
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ससुर का बयान संदेहास्पद :
बहू हत्या मामले में ससुर राजकुमार महासेठ का बयान अभी तक संदेहास्पद बना हुआ है। ससुर ने पुलिस को पहला दिन बयान दिया कि उनकी बहू बिना चप्पल पहने घर से निकल गई। इस दौरान वह कोई सामान साथ नहीं ले गई। यहां तक की उसने अपना मोबाइल भी घर पर ही छोड़ दिया। लेकिन, जब मायके वालों ने हत्या कर लाश को गायब कर दिने की प्राथिमकी दर्ज कराई तो ससुर ने पुलिस को कुछ और बयान दिया। एएसपी दिलनबाज अहमद को उसने बताया कि उसकी बहू पांच हजार रुपये घर से ले गई है। अब सवाल उठता है कि अगर वह आत्म हत्या करने गई तो पांच हजार रुपया कहां गया?। क्या कोई आत्म हत्या करने के लिए साथ में रुपये भी ले जाते हैं खासकर तब जब पानी में डूबकर मरने का इरादा हो। इस बिन्दु पर पुलिस भी अनुसंधान नहीं कर रही है। आस-पास के लोगों ने बताया कि ससुर ने सोमवार को पुलिस को बहू के लापता होने की सूचना दी। बुधवार को तालाब से शव बरामद हुआ। लेकिन, ससुर राजकुामर महासेठ, उसकी पत्नी, पुत्री व दामाद उसी स्थान पर स्थित मंदिर में काफी देर तक बैठे रहे। लोगों का कहना है कि ये लोग उस मंदिर पर कभी नहीं आए। आखिर क्या कारण था कि उस दिन पुरे परिवार के लोग वहीं जाकर बैठे थे जहां से दूसरे दिन उसके बहू का शव बरामद हुआ। बहरहाल, यह अनुसंधान का मामला है। लेकिन, पुलिस अगर गहन रूप से अनुसंधान करे तो निश्चित तौर पर हत्या का कारण लोगों को पता चल जाएगा।
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