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वेदों के अनुसरण से ही मानव का कल्याण संभव

दरभंगा। महर्षि दयानंद सरस्वती का वचन है वेद का अनुसरण करें। वेद का पढऩा-पढ़ाना और सुनना-सुनाना ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 12:39 AM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 01:38 AM (IST)
वेदों के अनुसरण से ही मानव का कल्याण संभव
वेदों के अनुसरण से ही मानव का कल्याण संभव

दरभंगा। महर्षि दयानंद सरस्वती का वचन है वेद का अनुसरण करें। वेद का पढऩा-पढ़ाना और सुनना-सुनाना हमारा परम धर्म है। ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप, निर्विकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनंत, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर सर्वव्यापक, सर्व अन्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है। उसी की उपासना करने योग्य है। आर्य समाज मंदिर, बलभद्रपुर, लहेरियासराय में महाशिवरात्रि के पुनीत अवसर पर आयोजित बोधोत्सव समारोह में पांडेय कमल किशोर जी आर्य ने उक्त बातें कहीं। प्रभास कुमार सहाय ने कहा कि पुरानी परंपरा एवं अंध विश्वास के बीच व्यस्त जीवन में आर्य समाज के विचार एवं गतिविधि एक प्रबल विकल्प है। संदीप कुमार जी आर्य ने कहा कि यज्ञ हवन द्वारा आर्य समाज पर्यावरण शुद्धि के साथ ही हमारे समाज में आत्मिक एवं आध्यात्मिक उन्नति की ओर जाना जाता है। डा. मनीष कुमार ने कथनानुसार आर्य समाज क नियमों एवं सिद्धांत जीवन में क्रांतिकारी एवं चमत्कारी परिवर्तन लाते हैं। यज्ञ भजन कीर्तन, प्रवचनों द्वारा सोल्लास बोधोत्सव समारोह संपन्न हुआ जिसमें अनेक गणमान्य प्रबुद्ध जनों ने अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम संचालन में शुभम राज आदित्य राज, रणवीर सिन्हा, गौतम सिन्हा एवं ओम नारायण ने बहुमूल्य योगदान किए।


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