नेत्रहीन उच्च विद्यालय में नहीं मना दिव्यांग दिवस
विश्व दिव्यांग दिवस पर हर ओर सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
दरभंगा। विश्व दिव्यांग दिवस पर हर ओर सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। लेकिन, जिला मुख्यालय स्थित राजकीय नेत्रहीन उच्च विद्यालय के छात्रों के लिए यह दिवस कोई खास नहीं रहा। यहां के बच्चों में उत्साह बढ़ाने के लिए किसी ने कोई कोशिश नहीं की। यहीं कारण रहा कि यहां के सभी छात्र शनिवार को उदास दिखाई दिए। अपने गम को मिटाने से दिन भर लकड़ी के बने बल्ला व प्लास्टिक के बल्ब से खेलते रहे। विकट नहीं रहने के स्थिति में बच्चों ने कपड़ा रखने वाला बक्से को ही विकेट बना डाला था। कोई अगर कस के बॉल को मार दिया तो उसे खोजने के लिए बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मंदिर पर आने वाले कई श्रद्धालु बॉल को खोजने में मदद कर रहे थे। दिव्यांग् दिवस पर बच्चों का हाल जानने जागरण की टीम विद्यालय पंहुची तो स्थिति बड़ी भयावह देखी गई। स्कूल में ताले बंद थे। छात्रावास में रहे रहे बच्चे आपस में खेलते नजर आए। छात्र अनिल कुमार यादव, कन्हैया कुमार, मास्टर बिहारी, राकेश कुमार आदि ने बताया कि हमलोगों के भाग्य में यही है। हम लोग भगवान भरोसे ही हैं। बेहतर सुविधाओं के लिए हमेशा इंतजार रहता है। लेकिन, सपना सकार नहीं होता है। नेत्रहीन होने के कारण हम तो किसी को देख नहीं सकते पर नेत्र वाले हमे जरूर देख सकते हैं। इस आशा को लेकर रोज सपना देखते हैं। लेकिन, यहां दिव्यांग दिवस की बात तो दूर कभी स्कूल ही नहीं खुलता है। आंख वाले अधीक्षक की आवाज भी कभी नहीं सुन पाएं हैं। लकड़ी का बैट व प्लास्टिक की बॉल ही हमारी मनोरंजन का साधन है। इससे अपने जीवन का आंनद ले रहे हैं।