करेंसी की किल्लत, कैशलेस की कसरत
नोटबंदी के कारण मची अफरातफरी अभी थमी नहीं है।
दरभंगा। नोटबंदी के कारण मची अफरातफरी अभी थमी नहीं है। बुधवार को अधिकांश बैंकों में अन्य दिनों की तरह कामकाज तो हो रहा था, लेकिन मनमाफिक राशि नहीं मिलने से मायूसी कायम है। वैसे अब बैंकों में राशि देने से कहीं अधिक कैशलेस व्यवस्था की ओर मोड़ने की कवायद चल रही है। वहीं जानकारी लेने की बेचैनी लोगों को भी थी। शहरी क्षेत्र में यह व्यवस्था थोड़ी बहुत शुरू तो हुई है, लेकिन अधिकांश व्यवसायी इससे कतरा रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में इसे लेकर उहापोह की स्थिति है। वहीं बैंक की ओर से भी ग्राहकों को प्रेरित करने की पहल शुरू कर दी गई है। इसके तहत ग्राहकों को फिलहाल इंटरनेट बैं¨कग व मोबाइल बैं¨कग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उधर, शहरी क्षेत्र के एटीएम में भी स्थिति धीरे-धीरे सुधार की ओर है। शहरी क्षेत्र की एटीएम में तय राशि मिल रही थी। गैर सरकारी बैंकों की सेवा ठीक नहीं मिल रही है। इसके चंद एटीएम से ही राशि निकलती है। वहीं ग्रामीण इलाके की एटीएम तो महज कहने भर को है। उत्तर बिहार ग्रामीण की व्यवस्था अभी तक पटरी पर नहीं लौटी है। इसके ग्राहकों को काफी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वैसे ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित राष्ट्रीय बैंकों की भी स्थिति शहर की तुलना में बदतर ही है। पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण निकासी में समस्याएं हो रही हैं। --भारतीय स्टेट बैंक में पहले से ही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इंटरनेट व मोबाइल बैं¨कग पर काम हो रहा है। अब ग्राहक खुद ही इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। स्वैप मशीन से लेन-देन की रफ्तार बढ़ी है। व्यवसायी स्वैप मशीन की मांग करने लगे हैं।
रवि चंद्र, मुख्य प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक।