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व्यवसायी परिवार को ¨जदा जलाने की कोशिश

शहर के दोनार चौक पर शुक्रवार देर रात एक मार्के¨टग काम्पलेक्स में अगलगी से लाखों का सामान खाक हो गया। इक्तेफाक ही कहिए, जानमाल को कोई नुकसान नहीं हुआ। रंजीत जनरल स्टोर्स व बॉम्बे रेडिमेड नाम की दोनों दुकानें इसी कॉम्पलेक्स में चलती हैं।

By Edited By: Published: Sun, 31 Jul 2016 01:16 AM (IST)Updated: Sun, 31 Jul 2016 01:16 AM (IST)
व्यवसायी परिवार को ¨जदा जलाने की कोशिश

दरभंगा । शहर के दोनार चौक पर शुक्रवार देर रात एक मार्के¨टग काम्पलेक्स में अगलगी से लाखों का सामान खाक हो गया। इक्तेफाक ही कहिए, जानमाल को कोई नुकसान नहीं हुआ। रंजीत जनरल स्टोर्स व बॉम्बे रेडिमेड नाम की दोनों दुकानें इसी कॉम्पलेक्स में चलती हैं। उसके उपरी तले पर ही अजय कुमार व रंजीत कुमार नामक दोनों व्यवसायियों का परिवार रहता है। दोनों चचेरे भाई हैं। भठियारीसराय की तरफ बढ़ने वाले रास्ते में यह कॉम्पलेक्स इन्हीं का है। आग से इस कॉम्पलेक्स को भारी नुकसान पहुंचा है। दुकानों में कुछ भी साबूत न बच पाया है। इस कदर दोनों बदहवाश हैं कि पुलिस उनका बयान भी नहीं ले पाई है। इससे क्षति का आंकलन अभी नहीं हो पाया है। रंजीत जनरल स्टोर्स वहीं दुकान है, जिसमें पिछले साल 22 नवंबर को अपराधियों ने आ‌र्म्स प्लांट कर इस परिवार को फंसाने की साजिश रची थी। उस बार दुकान की सीसीटीवी फुटेज के चलते ही साजिश का पता चल पाया और अपराधी भी गिरफ्तार कर लिए गए। लेकिन, इस बार अगलगी के दौरान मार्के¨टग कॉम्पलेक्स में लगे तीन-तीन सीसीटीवी कैमरे रहस्मय तरीके से गायब पाए गए हैं। लिहाजा, दोनों भाइयों को इस घटना में भी साजिश का अंदेशा है।

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देखते ही देखते स्वाहा हो गया सब कुछ

दुकानदार अजय कुमार ने कहा कि रात 2 बज रहा था। आग की लपटों व धुंएं से उनका घर भरने लगा था। इसी के चलते नींद खुली। छत से देखा तो नीचे रंजीत स्टोर्स से तेज लपटें उठ रही थी। इतने में शोर मचाया। मदद के लिए हांक लगाई। लोग आते-आते तक हम लोग मोटर स्टार्ट कर पाइप से आग बुझाने का प्रयास करने लगे। कोई फायदा नहीं हुआ। इतने में दूसरी साइड वाले बॉम्बे रेडिमेड तक आग फैल गई। वह भी धू-धूकर जलने लगा।

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थाना पुलिस व एसएसपी तक गया फोन

आग बुझाने में मदद के लिए थाना पुलिस से एसएसपी तक व्यसायियों ने फोन मिलाया। फायर ब्रिगेड डेढ़-दो घंटे बाद पहुंचा। फिर भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। आंखों के सामने सारा खेल खत्म हो चुका था। कुछ बचा तो बस भयानक तबाही का वो खौफनाक मंजर, जिसकी टीस शायद ताउम्र दिल से न निकल पाए। दरअसल, इस अगलगी में उनकी संपत्ति ही नहीं गई जान भी बाल-बाल बच सक । अजय व रंजीत के मुताबिक दुश्मनों ने उनके परिवार को ¨जदा जलाने की साजिश रच रखी थी। अजय ने इस बात का अंदेशा जताया कि जिन लोगों ने पिछले साल हमारी दुकान में हथियार रखकर, हमें फंसाने की साजिश रची थी, बहुत संभव है इसमें भी उन्हीं लोगों के हाथ हो सकता है।

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अगलगी के चलते दिन भर लगा लोगों का तांता

इस कॉम्लेक्स में अगलगी की घटना के चलते पास-पड़ोस के तमाम व्यवसायी गम और गुस्से में हैं। उन्हें भी इसमें साजिश की बू नजर आती है। पूरे दिन लोगों का यहां जमावड़ा रहा।


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