एपीएचसी को खुद इलाज की दरकार
जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
दरभंगा। बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का दावा सरकार जितना कर ले। लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मझौलिया इस दावे की पोल खोल रहा है। यहां स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है। इलाज के नाम पर मात्र खानापूरी की जा रही है। दवा के नाम पर कई महीनों से केवल नाममात्र के पारासिटामोल टेबलेट ही है। अन्य दवाओं के नाम पर कुछ होम्योपैथ व आयुर्वेदिक दवाएं हैं। कहने को तो उक्त केंद्र में तीन डॉक्टरों को पदस्थापित किया गया है, लेकिन इन्हें उक्त केंद्र के साथ ही पीएचसी हायाघाट में भी सेवा देनी पड़ती है। वहीं महिला डॉक्टर की कमी यहां महसूस की जाती है। चतुर्थवर्गीय कर्मचारी व सफाईकर्मी के पद रिक्त रहने के कारण उक्त केंद्र की साफ-सफाई भगवान भरोसे है। केंद्र परिसर के अगल-बगल फैली गंदगी स्वच्छता मिशन की हवा निकाल रही है। तो वहीं उक्त केंद्र खुले मैदान में रहने व चारदीवारी नहीं रहने के कारण शाम ढ़लते ही उक्त केंद्र असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है। सुरक्षा की व्यवस्था नहीं रहने के कारण इससे डरे-सहमे एएनएम रात में ड्यूटी करने से कतराती हैं।