महीने में दस दिन चलता है यह कार्यालय
दरभंगा। बेनीपुर वन प्रक्षेत्र कार्यालय को बहुत कम लोग ही जानते होंगे। यह कार्यालय नंदापटी चौक के समी
दरभंगा। बेनीपुर वन प्रक्षेत्र कार्यालय को बहुत कम लोग ही जानते होंगे। यह कार्यालय नंदापटी चौक के समीप भाड़े के एक कमरे में चल रहा है। जानकारों का कहना है कि यह कार्यालय महीने में 20 दिन बंद रहता है। क्षेत्रीय वन पदाधिकारी सुरेश पासवान दरभंगा में ही रहते हैं। इस कार्यालय के अधीन बिरौल एवं बेनीपुर अनुमंडल के आठ प्रखंड हैं। इन प्रखंडो में पौधा लगाने एवं उसकी देखभाल करने सहित वन विभाग के अन्य कार्यो के लिये बिरौल में वनपाल के रूप में नागेश्वर पासवान एवं बेनीपुर के प्रभारी वनपाल के रूप में सी के मिश्रा कार्यरत हैं। कार्यालय में कर्मियों का घोर अभाव है। कार्यालय से कुछ दूरी पर इसके अधीन बनागार एवं अस्थाई पौधशाला भी है। आठ प्रखंडो में 11 लाइसेंसी आरा मीलें चल रही हैं। जबकि वन प्रमंडल दरभंगा से बिना लाइसेंस प्राप्त किये हुये दर्जनभर से अधिक आरा मील उक्त विभाग के पदाधिकारियों की मिलीभगत से चलाई जा रही हैं। इन अवैध आरा मील मालिकों द्वारा प्रतिमाह पदाधिकारियों को नजराना दिया जाता है। लोगों का यह भी कहना है कि दोनो अनुमंडल के वनपालों के द्वारा अवैध रूप से क्षेत्र में वन विभाग की लकड़ी को कटवाकर बेचा भी जाता है। जिसे देखनेवाला कोई नही है। दैनिक जागरण ने ऑन द स्पॉट अभियान के तहत सोमवार को बेनीपुर वन प्रक्षेत्र कार्यालय की स्थिति का जायजा लिया।
-------11 बजे : वन प्रक्षेत्र कार्यालय बेनीपुर में ताला लटका हुआ था। कार्यालय में न तो क्षेत्रीय वन पदाधिकारी का कहीं अता पता था और न ही कर्मियों का। कार्यालय में कार्यरत बेनीपुर के वनपाल सी के मिश्रा का भी कही मौजूद नहीं थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कार्यालय महीना में पांच से 10 दिन ही खुलता है।
11.30 बजे कार्यालय के कुछ ही दूरी पर अवस्थित पौधशाला सह बनागार में पहुॅचने के बाद वहॉ पर कार्यालय में कार्यालय सहायक के रूप में दैनिक वेतन पर कार्यरत संजय कुमार सिन्हा से मुलाकात हुई। संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि वे अब कार्यालय जाने ही वाले हैं। क्षेत्रीय वन पदाधिकारी दरभंगा में हैं। वनागार एवं पौधशाला में दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे रतनेश्वर झा एवं विशेश्वर सदाय मौजूद थे। वनागार में आशापुर अलीनगर एस एच 88 नम्बर की पथ की निर्माण कार्य को लेकर काटे गये शीशम के पेड़ सहित अन्य पेड़ों की लकड़ी की ढेर पड़ी हुई थी। कार्यालय सहायक संजय कुमार ने बताया कि विभाग के वरीय पदाधिकारियों के आदेश आने के बाद इस लकड़ी की नीलामी होगी। वनागार में कर्मीयो केा रहने के लिये वर्षो पहले निर्माण कराये गये आवास पुरी तरह क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ी हुई है। वही पौधशाला में 500 से अधिक छोटे छोटे प्रजातीये पौधे के रूप में महोगनी, सागवान, गमहार एवं गुलड़ के पौधे लहरा रहे थे।
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बयान---
क्षेत्रीय वन पदाधिकारी सुरेश पासवान ने मोबाइल पर बताया कि वह आज दरभंगा में एक बैठक में भाग लेने आए हुए हैं। बेनीपुर वन प्रक्षेत्र कार्यालय में कर्मियों का घोर अभाव है। यहॉ तक कि इस कार्यालय के अधीन पड़नेवाले बेनीपुर एवं बिरौल अनुमंडल के आठ प्रखंडो में वन विभाग के कार्यो को देखने के लिये एक भी सिपाही नहीं है। उन्होंने कहा कि वन विभाग के मामले में सरकार फेल है।