बाइपास बनकर तैयार, हरी झंडी का इंतजार
दरभंगा। जाम से जंग करते शहर के लिए राहत देने वाली खबर है। पिछले 10 साल से इंतजार के बाद बाइपास लगभग
दरभंगा। जाम से जंग करते शहर के लिए राहत देने वाली खबर है। पिछले 10 साल से इंतजार के बाद बाइपास लगभग बनकर तैयार हो गया है। सरकार से हरी झंडी मिलने के साथ ही इसपर आवागमन चालू हो जाएगा। सरकार व विभाग से उदघाटन की तिथि घोषित होने के बाद इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2007 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी दरभंगा पहुंचे थे तो लोगों ने इस समस्या की ओर ध्यान खींचा था। उस समय उन्होंने शीघ्र ही दरभंगा में बाइपास बनाने की घोषणा थी। इसके बाद प्रक्रिया शुरू हुई। प्रक्रिया की गाड़ी कभी रेंगती रही तो कभी तेज हुई। समय गुजरता गया। सरकार का वह कार्यकाल गुजर गया। पहले तो डीपीआर व मार्ग के निर्धारण में ही शासन व प्रशासन उलझा रहा। फिर चुनाव आया। लोगों ने सवाल किया तो वादा याद रहने और सपना पूरा होने की बात कही गई। फिर सरकार बनी। लेकिन, बाइपास नहीं बना। राजनीति की राह बदलती गई। जमीन की तलाश में पांच साल का वक्त बीत गया। फिर संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र को लेकर मामला अटका रहा। तत्कालीन डीएम आर.लक्ष्मणन ने व्यक्तिगत दिलचस्पी दिखाई तो प्रक्रिया को गति मिली। एकमी से शोभन तक बाइपास का निर्माण चलने लगा। कुछ दिनों के बाद यह मंद पड़ गया। बाइपास की आस पूरी नहीं हुई। शहर की आबादी डेढ़ गुणा बढ़ गई। वाहनों की रफ्तार की तरह इसकी तादाद भी बढ़ती गई। शहर को चकाचक सड़क मिली, लेकिन कदम-कदम पर ब्रेक ही नहीं वाहनों को रोककर सफर तय करना पड़ा। मालूम हो कि शहर में जाम की समस्या को देखते हुए डीएम डॉ.चंद्रशेखर ¨सह ने इसके निर्माण में व्यक्तिगत दिलचस्पी ली और समय-समय पर निर्देशित करते रहे। सभी संबंधित विभागों के साथ ही कार्य पर नजर रखे हुए थे। वहीं दैनिक जागरण में भी लगातार इस पर खबर प्रकाशित होती रही।