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राजसत्ता चलाने के लिए अपने हिसाब से शासक वर्ग बनाती है शिक्षा नीति

दरभंगा। ऑल इंडिया सेव एजुकेशनल कमेटी की ओर से रविवार को सीएम कॉलेज स्थित सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 12:50 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:23 AM (IST)
राजसत्ता चलाने के लिए अपने हिसाब से शासक वर्ग बनाती है शिक्षा नीति
राजसत्ता चलाने के लिए अपने हिसाब से शासक वर्ग बनाती है शिक्षा नीति

दरभंगा। ऑल इंडिया सेव एजुकेशनल कमेटी की ओर से रविवार को सीएम कॉलेज स्थित सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2016 विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पटना विवि के शिक्षाविद प्रो. विनय कुमार कंठ ने कहा कि स्वतंत्र भारत में संविधान में किसी प्रकार की शिक्षा की बात नहीं की गई है। लेकिन इतना अवश्य था कि शिक्षा के लिए एक दिशा-निर्देश अवश्य दिया गया। उन्होंने कहा कि 1964 में एक राष्ट्रीय शिक्षा सोच बननी शुरु हुई और कोठारी आयोग का गठन किया गया। फिर 1986 में एक दूसरा आयोग बनाया गया। और इसके बाद संविधान में संशोधन कर मौलिक अधिकार 21 क में शिक्षा को सम्मिलित कर दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि शासक वर्ग अपने हिसाब से अपने राजसत्ता को चलाने के लिए शिक्षा नीति लाकर समाज बनाना चाहती है। वहीं, कमेटी के राज्य संयोजक राजकुमार चौधरी ने शिक्षा नीति पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। ललित नारायण मिथिला विवि के पूर्व छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ. प्रभु नारायण झा ने विवि व महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी व छात्रों की बढ़ती संख्या पर ¨चता जाहिर की। एमआरएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. विद्यानाथ झा ने कहा कि आज इंसान शिक्षा के उद्देश्य पर ही हमला कर रहा है। मौके पर डॉ. सुरेन्द्र कुमार सुमन, डॉ. मित्रनाथ झा, डॉ. ठाकुर धीरेन्द्र ¨सह, रुसो सेन गुप्ता, सुमन कुमार झा, डॉ. मंजर सुलेमान, डॉ. प्रभाष चंद्र मिश्र आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।


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