घरेलू उद्योग को प्रोत्साहित करने की जरूरत : हरेकृष्ण
दरभंगा। हम लोग शैक्षणिक व तकनीकी ज्ञान के लिए इधर-उधर भिक्षाटन करते नजर आ रहे हैं। हमें घरेलू उद्योग
दरभंगा। हम लोग शैक्षणिक व तकनीकी ज्ञान के लिए इधर-उधर भिक्षाटन करते नजर आ रहे हैं। हमें घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। भारत को सार्वजनिक क्षेत्र को विकसित करने की जरूरत है। महात्मा गांधी कॉलेज में आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता वाणिज्य के संकायाध्यक्ष डॉ. हरेकृष्ण ¨सह ने बुधवार को समापन सत्र में ये बातें कही। इंडियन रिटेल एण्ड कंप्यूमर डयूरेबुल इंडस्ट्री विषय पर आयोजित सेमिनार के दूसरे दिन बीएचयू के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. विश्वंभर झा ने कहा कि खुदरा क्षेत्र सभी क्षेत्रों को जोड़ता है। इसके विकास की काफी संभावनाएं है। बीज भाषण में डॉ. अशोक कुमार पोद्दार ने कहा कि भारत ने 1991में वैश्वीकरण, निजीकरण व उदारीकरण को अपनाया। इससे उपभोक्ता संस्कृति में नए परिवर्तन का आगाज हुआ। रोजगार के लिए खुदरा क्षेत्र अपार संभावनाओं का द्वार खोलता है। भारत में टिकाऊ वस्तुओं की कीमत अन्य देशों से ज्यादा है। इसे घटाने की जरूरत है। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. एलपी ¨सह ने कहा कि कृषि और उद्योग को एक दूसरे का पूरक होना चाहिए। ग्रामीण व नगरों के बीच असंतुलित विकास है। कृषि विपणन की पद्धति में परिवर्तन लाने से किसानों को वाजिब मूल्य मिलेगा। हमें अपने बल बूते पर विकास करना होगा। शासी निकाय के सचिव डॉ. हरिनारायण ¨सह ने कहा कि सरकारी नौकरियां घट रही है। जबकि, निजी क्षेत्र रोजगार का अवसर उपलब्ध करा रहा है। प्रो. आइसी वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डॉ. सुरेंद्र प्रसाद गांई ने अतिथियों का स्वागत किया। कॉलेज की छात्रा शारदा कुमारी ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। डॉ. हरिन्द्र किशोर मिश्रा ने सेमिनार का प्रतिवेदन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अरुण कुमार चौधरी ने किया। तकनीकी सत्र में कई प्रतिभागियों ने आलेख प्रस्तुत किए।