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महिला आयोग ने सरकार से पूछा-क्यों संवेदनहीन हो गया है आपका प्रशासन

दरभंगा । हवस के भेड़ियों ने मधुबनी की इस लड़की को जिस तरह अपना शिकार बनाया है, उसके बारे में सुनकर रों

By Edited By: Published: Thu, 26 May 2016 12:04 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2016 12:04 AM (IST)

दरभंगा । हवस के भेड़ियों ने मधुबनी की इस लड़की को जिस तरह अपना शिकार बनाया है, उसके बारे में सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कहा जा रहा है कि इस घटना ने दिल्ली की'निर्भया कांड'को एक बार फिर दोहराया है। मधुबनी की उस छात्रा के साथ द¨रदगी की सारी हदें हद पार करते हुए पहले उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, फिर उसके बदन को चाकू से गोद डाला। लड़की नाबालिग है और स्कूल में पढ़ रही है। घटना वहां के नगर थाना क्षेत्र की है। लड़की को गंभीर हालत में डीएमसीएच में भर्ती किया गया है। केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू बुधवार को उस लड़की का दर्द सुनकर जांच-पड़ताल करने पहुंची हुई थीं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कानून-व्यवस्था को साफ-साफ कटघरे में खड़ा किया और शासन-प्रशासन के मुखिया से सीधा-सीधा जवाब मांगा। यह भी कहा कि इस व्यवस्था में पीड़ित को न्याय मिलना मुश्किल हो गया है। क्योंकि, यहां तो प्रशासन नाम की कोई चीज ही नहीं है। कोई डॉक्टर अपनी मनमर्जी करता है तो प्रशासन भी तमाशबीन बना रह जाता है। महिला आयोग की केंद्रीय सदस्य जब ये सब बातें कह रही थीं, उस दौरान दरभंगा जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर ¨सह, मधुबनी डीएम व मधुबनी के एसपी भी मौजूद थे। पीड़िता का हालचाल लेकर बाहर निकलने पर आयोग की सदस्य सुषमा ने मीडिया से बातचीत में लड़की के साथ हुइ घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा-'मानवीय मूल्य जो हमारा है बिल्कुल शून्यता के कगार पर है। और प्रशासन कहीं न कहीं संवेदनहीन हो गया है। क्यों ऐसी परिस्थितियां बार-बार आ रही हैं। और ऐसी परिस्थितियां आने के बाद प्रशासन अपनी जिम्मेवारी को पूरी-पूरी क्यों नहीं उठा पा रहा है। अपनी जिम्मेवारी को क्यों नहीं समझ पा रहा है। ये सोचना पड़ेगा। आज हमें क्यों दिल्ली से यहां आना पड़ा। आज हमें जो रिपोर्ट दी गई है, उसमें कहा गया है कि लड़की को नौ बार चाकू से गोंदा गया है। और मैं स्वयं अपनी आंख से बारह घाव देखकर आ रही हूं। तो, जिस डॉक्टर ने रिपोर्ट बनाई, क्या वह, आंख बंदकर रिपोर्ट बना रहे थे, एग्जामिन करते समय। घाव को कम क्यों बताया। ताकि उसकी जो विविधता है यानी जो भयावहता स्थिति है उससे जनता रूबरू ना हो सके उससे दूर रहे। मैं यह कहना चाहती हूं। मैं सबसे पहले प्रशासन के मुख्य अतिथि से प्रश्न करना चाहती हूं, इतने दिनों के भीतर मैंने कई विषयों पर संज्ञान लिये आपने अभी तक जो भी घटनाएं घटी जिसपर मैंने सो मोटो लिया आपने हमें एटीआर क्यों नहीं भेजा। अगर आपके द्वारा एटीआर नहीं भेजा गया और आपने कोई कार्रवाई नहीं की तो आप कम से कम यह जरूर हमें लिखकर भेजें कि'आई एम नॉट एबुल टू डू दैट'। मैं स्वयं उसके लिए कोई न कोई कार्रवाई करने के लिए अपना कदम स्वयं बढ़ाऊंगी। लेकिन, बिहार के आप प्रशासन के मुखिया हैं, ये आपकी जवाबदेही है। और मैं आप से प्रश्न करूंगी। इस प्रश्न का जवाब आपको देना पड़ेगा। क्यों स्थितियां ऐसी बार-बार आ रही हैं। क्यों कानून-व्यवस्था इतनी लचर होती जा रही है कि उसको यह भी नहीं डर है कि मैं आम आदमी हूं। एक लड़की को मैं 15 चाकू और 16 चाकू मारकर के जा रहा हूं और उसके बावजूद मैं बच जाऊंगा। आज गिरफ्तारी हो गई। क्योंकि, उसे नहीं पता था। उसको तो पता था कि मैंने उस लड़की को मार दिया। अगर वो लड़की मर गई होती तो कहानी तो वहीं समाप्त हो गई होती। लेकिन वो लड़की ¨जदा हो गई।'

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गौरतलब है कि इस लड़की को द¨रदों ने घर से अगवा कर गैंगरेप को अंजाम दिया और फिर चाकू मारकर सड़क किनारे फेंक दिया था। द¨रदों को लगा कि वह मर चुकी है, तो वो उसे सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए। पंडौल थाना क्षेत्र के सिसुआ गांव के पास सड़क किनारे इस लड़की को नाजुक हालत में पाया गया। सुबह-सुबह ग्रामीणों ने लड़की को उस हाल में देखा और तत्काल उसे उठाकर इलाज के लिए ले गए।


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