चार वर्षो बाद भी नहीं बन सका मनरेगा भवन
दरभंगा । सरकार ने मनरेगा कर्मियों को एक साथ बैठकर कार्य करने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में 25 लाख
दरभंगा । सरकार ने मनरेगा कर्मियों को एक साथ बैठकर कार्य करने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में 25 लाख रुपये की लागत से मनरेगा भवन निर्माण करने की योजनाएं बनाई। परन्तु चार वर्ष होने को हैं, बहादुरपुर प्रखंड परिसर में मनरेगा भवन का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। वित्तीय वर्ष 2012 में डीआरडीए से मनरेगा भवन निर्माण की स्वीकृति मिली और वर्ष 2013 में इसका शिलान्यास विधायक मदन सहनी ने किया। कई प्रखंडों में निर्माण कार्य धीमा रहने और भवन निर्माण कार्य में लगने वाले मटेरियल की कीमत में बढ़ोतरी होने के कारण इसके प्राक्लन को रिवाईज कर 31.67 लाख रुपये कर दिया गया। सभी प्रखंडों में एक-दो माह के अंतर में निर्माण कार्य शुरू कराया गया। बेनीपुर, दरभंगा सदर, जाले, ¨सहवारा, बहेड़ी, केवटी आदि जगहों में तो भवन बनकर तैयार भी हो गया है। मनरेगा कर्मी एक साथ बैठकर काम भी कर रहे हैं। इसका उद्देश्य मनरेगा भवन को हाईटेक बनाना था। ताकि मनरेगा कर्मी को मजदूरों के डाटा वेस अपलोड करने के लिए जिला मुख्यालय या अन्य जगहों पर भटकना न पड़े। इस भवन के अंदर दो मिटींग हॉल, तीन रूम, पदाधिकारियों और इंजीनियरों के लिए एक कंम्पयूटर रूम जो पूरी तरह से मनेंजमेंट इन्फोर्समेंट सिस्टम से लैस बनना है। परन्तु आज तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका है। बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य धीमा रहने के कारण दो बार अभिकर्ता को बदला जा चुका है। समय से निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण बची राशि भी राज्य सरकार को वापस करने की बात कही जा रही है। प्रखंड मनरेगा प्रोग्राम पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि इसका निर्माण में अभी तक लगभग 12 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। एक वर्ष में निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाना था। अभिकर्ता की सुस्ती के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता समाप्त होते ही निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।