बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा..
दरभंगा। मिसाइल मैन, गोल्डेन मैन, भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम
दरभंगा। मिसाइल मैन, गोल्डेन मैन, भारत रत्न, पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के निधन से जैसे चमन उजड़ गया। जिसने सुना जहां सुना वहीं शेाकाकुल हो गया। राजनीतिक क्षेत्र हो या फिर शिक्षण संस्थान हो हर जगह जिसने सुना यही कहा हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा। मंगलवार को राजनीतिक दलों के कार्यालय, शिक्षण संस्थानों में शोकसभाओं में देश के मिसाइन मैन की आत्मा की शांति की कामना की गई। जिला कांग्रेस कार्यालय में सीताराम चौधरी ने शोकसभा की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज डॉ. कलाम हमारे बीच नहीं रहे लेकिन, उनका देश के लिए मरना और देश के लिए जीने वाला जज्बा सदा हमारा आदर्श बना रहेगा। सभा को डॉ. मुरारी मोहन झा, मनोज झा, प्रो. मिथिलेश कुमार पासवान, मो. असलम, दिनेश गंगानी, विनोद पंकज और रतिकांत झा ने भी सम्बोधित किया। छात्र, युवा और शिक्षक संवाद की समीक्षा करने जन अधिकार पार्टी की पूर्व निर्धारित बैठक भी शोकसभा में बदल गई। जिलाध्यक्ष अब्दुस्सलाम खां उर्फ मुन्ना खां ने सभा की अध्यक्षता करते हुए कहा कि डॉ. कलाम इंसानियत के एक मशाल थे। सभा को प्रदेश महासचिव असरारुलहक लाडले, डॉ. शशिभूषण यादव, सोनू तिवारी, चंद्रकांत ¨सह, नफीस खां औरसुनील कुमार पप्पू ने भी संबोधित किया। जिला जदयू महादलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्याम किशोर राय की अध्यक्षता में हुई शोकसभा में कहा गया कि बिहार से डॉ. कलाम को बहुत लगाव था। उन्होंने दरभंगा में उत्तर भारत के प्रथम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की। सभा में नरेश राय, राजू राम, संजय कुमार मंडल, प्रो. गणेश कुमार ने भी शोक जताया। रालोसपा दलित प्रकोष्ठ की अनिल कुमार की अध्यक्षता में डॉ. कलाम की मानव सेवा भावना का उल्लेख किया गया। सभा को सफदर इमाम साहेब, राकेश कुमार वर्मा, आरबी साह ने भी संबोधित किया। बिहार बंद की समीक्षा की पूर्व निर्धारित बैठक भी शोक में बदल गई। जिलाध्यक्ष राम नरेश यादव ने कहा कि डॉ. कलाम के निधन से हुई देश की क्षति निकट भविष्य में असंभव है। लक्ष्मण कुमार झुनझुनवाला की अध्यक्षता में वैश्य विकास महासभा की शोकसभा में भारत के परमाणु कार्यक्रम के सिरमौर के निधन पर शोक व्यक्त किया गया।
स्कूलों में हुई शोकसभाएं
रोज पब्लिक स्कूल के जीएम रोड और लहेरियासराय जीएनगंज शाखा में निदेशक राजीव रंजन और डॉ. अनुपमा झा की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित की गई। प्रशासक प्रमोद कुमार झा काका जी, प्राचार्या पूनम सिन्हा और कल्पना मुखर्जी, श्यामानंद झा, कोणिका पालित आदि ने शोक व्यक्त किया। पब्लिक स्कूल बेला में प्राचार्य रामचन्द्र झा की अध्यक्षता में विद्यालय परिवार ने शोक सभा आयोजित की। दरभंगा सेंट्रल स्कूल बंगलागढ में आयोजित शोकसभा में प्राचार्य एके कश्यप ने कहा कि डॉ. कलाम ने इतिहास दोहराया नहीं बल्कि इतिहास बनाया है। महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के वाजितपुर और मिर्जा खां तालाब दोनों शाखाओं में प्राचार्य ए. राय और प्रभा मल्लिक की अध्यक्षता में आयोजित शोकसभा में डॉ. कलाम के निधन को देश और विज्ञान के लिए अपूर्णीय क्षति बताया गया है। डीएवी पब्लिक स्कूल चुनाभट्टी और सारामोहनपुर में प्राचार्या सविता की अध्यक्षता में शोकसभा की गई। बुधवार को स्कूल में डॉ. कलाम की आत्मा की शांति के लिए हवन होगा। गनी नाथ टेक्नीकल बंगाली टोला में प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इसमें निदेशक प्रो. अनिल आजाद, प्राचार्या रेखा आजाद, सुनील महतो, नीरज कुमार ने भी शोक जताया। लालबाग भोगेंद्र झा नगर में एआइएसएफ की ओर से अनुराधा कुमारी की अध्यक्षता में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम, पूर्व विधायक बैद्यनाथ यादव और पंजाब की आतंकवादी घटना में मृत लोगों के प्रति शोक जताया गया। पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय संयोजक बलराम राम ने कहा कि डॉ. कलाम की बातों में हिन्दुस्तान झलकता था। नव जवान स्वाभिमान मोर्चा के जिला संयोजक यदुवीर कुशवाहा की अध्यक्षता में भी शोकसभा आयोजित की गई।