महिला सुरक्षा के प्रति संवदेनशील होने की जरूरत
दरभंगा : एमआरएम महिला कॉलेज व डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ''महिला सुरक्षा: मनोव
दरभंगा : एमआरएम महिला कॉलेज व डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ''महिला सुरक्षा: मनोवैज्ञानिक सामाजिक एवं चिकित्सीय न्यायिक परिपेक्ष्य'' विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन लनामिविवि के समाजशास्त्र विभाग के प्रो. गोपी रमण प्रसाद ¨सह की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गई। इसे संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश रत्न किशोर तिवारी ने महिला सुरक्षा से संबंधित कानूनी पक्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिलाओं को संकटग्रस्त परिस्थिति में जाने से परहेज करना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा सबकी जवाबदेही होनी चाहिए। डॉ.हरि ¨सह गौड़ सागर विश्वविद्यालय के डॉ. काली कांत झा ने स्त्री सुरक्षा के समाजशास्त्री पक्ष का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के डॉ. प्रवीण कुमार झा ने इस विषय के मनोवैज्ञानिक पक्ष पर प्रकाश डाला। जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली की प्रो. सबीहा हुसैन ने स्त्री सुरक्षा से जुड़़ी विभिन्न पहलुओं को रेखा¨कत किया। लनामिविवि संस्कृत विभाग के डॉ. जयशंकर झा ने अनाथालयों व जेलों में रहने वाली महिलाओं की सुरक्षा आवश्यकताओं की चर्चा की। लनामिविवि के अवकाश प्राप्त प्राध्यापक प्रो. एसएन तिवारी ने इस विषय पर अपनी समीक्षा प्रस्तुत की।
अपराह्न 4 बजे समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में लनामिवि के प्रतिकुलपति प्रो. सैयद मुमताजुद्दीन ने समाज के सभी वर्गों से स्त्री सुरक्षा के प्रति संवेदनशील होने का आहवान किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान के उपाध्यक्ष डॉ.कामेश्वर झा ने समाज को इस समस्या के समाधान हेतु जागरूक होने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विद्यानाथ झा, प्रधानाचार्य एमआरएम कॉलेज, दरभंगा ने की। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पुतुल ¨सह ने किया। डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन की तरफ से मुकेश कुमार झा ने सेमिनार को सफल बनाने में सबों की सहभागिता के लिए धन्यवाद दिया।