मांझीकी बयानबाजी से फूटा आक्रोश, 5 को बिहार बंद
दरभंगा, जासं : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की सभा में अपनी मांगों को रखने के मकसद से गए सांख्यिकी स्व
दरभंगा, जासं : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की सभा में अपनी मांगों को रखने के मकसद से गए सांख्यिकी स्वयंसेवक पिटते-पिटते बचे। मुख्यमंत्री ने उनपर लाठीचार्ज के आदेश दे दिए थे। स्वयंसेवकों के हाथों से बैनर छीनवा लिया। संघ ने सीएम के इस कदम को अलोकतांत्रिक और अशोभनीय बताते हुए 5 फरवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है। संघ के जिलाध्यक्ष राहुल भारद्वाज के नेतृत्व में वरीय सदस्य रमेश चंद्र मिश्रा, जिला मीडिया प्रभारी अनुरंजन सिंह, उपाध्यक्ष राकेश सिंह रोशन, कोषाध्यक्ष राधेरमण, रजी आलम, कन्हैया कुमार झा, आशुतोष नारायण चौधरी, रामविलास, रविभूषण कुमार, अजय कुमार, रंजीत कुमार, राजेश कुमार समेत बड़ी संख्या में सदस्यों ने लहेरियासराय पोलो मैदान में बैठक की और उस दिन बिहार बंद को सफल बनाने का आह्वान किया। दरअसल, मुख्यमंत्री ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया हाथों में बैनर-पोस्टर और तख्तियां लिए स्वयंसेवक नारे लगाकर उनका ध्यान आकृष्ट करना चाह रहे थे। उनके शोर-शराबों से भाषण में खलल पड़ता देख मुख्यमंत्री आग-बबूला हो गए और पुलिस को बल पूर्वक उन्हें खदेड़ने का आदेश दे दिया। मांझी कुछ देर तक स्वयंसेवकों पर बरसते रहे। बोले, जहां-जहां जाता हूं ये लोग पहुंचकर हल्ला-हंगामा करने लग जाते हैं। क्रोधित होकर उन्होंने इतना तक कहा कि स्वयंसेवकों की मांगें हम नहीं मानने वाले। कामकाज करते नहीं और हंगामा करने आ जाते हैं। संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि हम सभी सदस्य मुख्यमंत्री की सभा में पहुंचकर उनका ध्यान आकृष्ट कराना चाह रहे थे। सरकार स्वयंसेवकों के साथ वादाखिलाफी कर रही है।