मानसिक रोगियों के लिए प्रभावकारी दवा उपलब्ध : प्राचार्य
दरभंगा, जासं : डीएमसी के नवीन व्याख्यान कक्ष में शुक्रवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके 'वि
दरभंगा, जासं : डीएमसी के नवीन व्याख्यान कक्ष में शुक्रवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके 'विक्षिप्तों पर पड़ती निगाहों पर दास्तान' विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीएमसी प्राचार्य डॉ. आरके सिन्हा ने कहा कि मानसिक रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मानसिक रोगियों के लिए अब प्रभावकारी दवा उपलब्ध है। समय रहते इलाज शुरू हो जाने से मानसिक रोगी बिल्कुल स्वस्थ्य हो सकते हैं। मौके पर प्रचार्य ने डीएमसी में साइक्रियस्ट्री की स्नातकोत्तर उपाधि पाठ्यक्रम में नामांकन की पहल का आश्वासन दिया। विशिष्ट अतिथि डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. शंकर झा ने दिसंबर से डीएमसीएच में साइक्रियस्ट्री इंडोर शुरू करने की बात कही। वहीं मनोरोगियों के लिए एक लाख रुपये तक की दवा उपलब्ध कराने की घोषणा की। मौके पर मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ.उपेन्द्र पासवान ने मनोरोग व मनोविदीय समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आबादी की दस फीसद लोग मनोरोग से ग्रसित हैं। उन्होंने कहा कि घबराहट, बेचैनी, असहज होना, भूख नहीं लगना, नींद नहीं आना, बेवजह भय व भ्रम का शिकार होना, असहाय व असुरक्षित महसूस होना, जीवन बेकार व दुनिया खराब लगना, जिद्दी, गुस्सैल, आक्रोशित व आक्रामक, यादाश्त व एकाग्रता की कमी व नकारात्मक सोच मनोरोगियों का लक्षण है। उन्होंने कहा कि अगर लोगों के लक्षण में अचानक परिवर्तन दिखे तो निश्चित तौर पर मनोचिकित्सक से सलाह लेकर रोगी का इलाज शुरू कराएं। मौके पर उपाधीक्षक डॉ. संतोष कुमार मिश्रा, उपाधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर, पीएसएम के विभागाध्यक्ष डॉ. चितरंजन राय, कार्डियोथोरेसिक विभागाध्यक्ष डॉ. आरआरपी सिंह, आईएमए के सचिव डॉ. सुशील कुमार, डॉ. एसके गुप्ता, डॉ. पुनील कुमार, डॉ. पुष्पराज आनंद, डॉ. प्रकाश झा, डॉ. सुबोध कुमार, डॉ. अजीत, डॉ. सुशील, डॉ. अजीत शर्मा, डॉ. विकास चंद्रा, डॉ. भोग नारायण आदि मौजूद थे।
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