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स्कूली बच्चों की मौत एक्सिडेंटल केस

दरभंगा, जासं : विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर-3 में दो स्कूली बच्चों की मौत का मामला अब एक

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 02:28 AM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 02:28 AM (IST)

दरभंगा, जासं : विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर-3 में दो स्कूली बच्चों की मौत का मामला अब एक्सिडेंटल केस के रूप में सामने आया है। परिजनों ने दोनों की मौत के मामले में किसी का हाथ होने से इंकार किया है। पुलिस को लिखित तौर पर मृतक के परिजनों ने घटना को दुर्घटना करार दिया। उनका कहना है कि संभव है बच्चे खेलने के बहाने डाक प्रशिक्षण केंद्र के अंदर गए होंगे और किन्हीं कारणों से वहां अवस्थित तालाब में गिर गए होंगे। यह भी संभव है कि खेल-खेल में ये मछली मारने के इरादे से ही गए होंगे। थानाध्यक्ष रामशंकर सिंह ने इसकी पुष्टि की। बोले, अब यह साफ हो गया कि घटना में किसी का हाथ नहीं है। बेला शंकर नौवागढ़ी के रहने वाले मृतक मनीष कुमार महतो के पिता बैजू महतो जीवित नहीं हैं। लिहाजा, घर वालों की तरफ से सिकंदर कुमार महतो ने पुलिस को अपना लिखित बयान दर्ज कराया है। इसमें उसने कोई साजिश होने से इंकार किया है। वहीं दूसरे मृतक अमित कुमार के पिता विनोद मंडल ने भी कुछ इसी तरह से अपना बयान दिया है। दोनों का कहना है कि शुक्रवार दोपहर बाद से उनके बच्चे घर से लापता थे। काफी खोजबीन की लेकिन उस दिन पता नहीं चल पाया। अगले दिन यानी शनिवार को डाक प्रशिक्षण केंद्र के कैंपस स्थित तालाब से दोनों बच्चे के शव पाए गए। शव की बरामदगी के साथ ही हालांकि घर वालों ने मौत को संदेहास्पद बताया था। 24 घंटे बाद ही वे लोग इसे एक्सिडेंटल केस मान बैठे। लिहाजा, पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।

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