तृतीय वर्ग कर्मचारी भी बनेंगे हाकिम
15 डीआरजी 40 व 41
--कुलपति से रूबरू हुए कर्मचारी
दरभंगा, संस : ललित नारायण मिथिला विवि में तृतीय वर्गीय कर्मी भी हाकिम की कुर्सी को सुशोभित कर नई कार्य संस्कृति का अंग बन सकेंगे। दशकों से लंबित विवि कर्मचारियों की प्रोन्नति का मुद्दा मंगलवार को जुबली हॉल में कुलपति डॉ. साकेत कुशवाहा से सीधे रूबरू होने के क्रम में उछला। पहली बार किसी कुलपति ने तृतीय वर्गीय कर्मचारियों की समस्या, उसके निदान, संचिका निष्पादन और विकास के मुद्दे पर मैराथन बैठक की। कुलपति ने बैठक में आगाह करते हुए कहा कि आपकी टिप्पणी से विश्वविद्यालय संचालित होता है। आज निर्भीक होकर समस्याएं बताएं और सकारात्मक सुझाव दें। कर्मचारियों की ओर से त्रिलोक नाथ मिश्र ने कहा कि नियम परिनियम के अधीन सहायकों को संचिका पर टिप्पणी दर्ज करनी चाहिए। विवि में निगरानी जांच का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमने कॉलेज कर्मचारियों को प्रोन्नति दे दी, लेकिन स्वयं वंचित रह गए। रामानेक द्विवेदी ने सेवानिवृत्त कर्मियों की नियुक्ति का विरोध करते हुए कहा कि इससे नई पीढ़ी का हक मारा जा रहा है। उन्होंने आउटसोर्सिग पर नियोजन का भी विरोध किया। सत्य नारायण सिन्हा ने कर्मचारियों की समस्याओं के निदान की ओर विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान खींचा। कमलेश्वरी चरण गुप्ता ने कहा कि कर्मियों का वेतन कब बढ़ता और कब घटता है, पत्र भी नहीं निकलता। अब्दुल क्यूम ने परीक्षा विभाग में अभिलेख के रखरखाव को मुद्दा बनाया, जबकि विनोद कुमार झा ने तृतीय वर्गीय कर्मचारियों के लिए कार्यशाला आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। कुलसचिव डॉ. विजय प्रसाद सिंह ने आउटसोर्सिग पर नियोजन के मामले में कहा कि विवि में मुकदमों की संख्या घटी है। कर्मियों को पूरा वेतन मिल रहा है। बैठक में प्रति कुलपति डॉ. सैयद मुमताजुद्दीन, छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ. टीएन झा, कुलानुशासक डॉ. दयानिधि प्रसाद राय और खेल अधिकारी डॉ. अजयनाथ झा भी थे।