एसएसपी साहब! इस शहर को क्या हो गया
-सदर व बहादुरपुर थाना क्षेत्र में पुलिसिंग चुनौती, हत्या, लूट और दुष्कर्म से दहशत
दरभंगा, जासं : शायर मुनव्वर राणा साहब का एक शेर है, लिपट जाता हूं मां से और मौसी मुस्कुराती है..। उछलते खेलते बचपन में बेटा ढूंढती होगी, तभी तो देख कर पोते को दादी मुस्कुराती है..। लेकिन हमारे शहर को ये क्या हो गया है? मुस्कुराहट लोगों से रूठ गई है। हर ओर बारुदी गंध और भय का वातावरण है।
जी हां, जनवरी से दरभंगा शहर से लेकर गांव तक आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि से आम-खास हर वर्ग के लोग दहशत में जी रहे हैं। गंगा जमुनी तहजीब का नायाब उदाहरण रहा है दरभंगा। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से आपराधिक वारदातें लगातार पुलिसिया तंत्र की नाकामियों की पोल खोल रही है। जवाबदेह तमाशबीन हैं। सदर थाना व बहादुरपुर थाना क्षेत्र में पिछले एक माह में आपराधिक घटनाओं पर नजर डालें तो चौंका देने वाले हालात सामने आएंगे। हत्या, लूट, चोरी, डकैती, छिनतई, अपहरण का प्रयास व छेड़खानी जैसी कई वारदातें हुई। दोनों इलाकों में ताबड़तोड़ हुई घटनाएं पुलिस की नाकामियां बयां कर रही हैं। लोग सड़कों पर उतरे। सदर थानेदार श्रीकांत पाठक की पिटाई तक कर दी, लेकिन..। सदर थाना में अब तक 5 हत्या, 2 लूट, दर्जन भर से ज्यादा गृहभेदन व चोरी, दुष्कर्म की अनेक घटनाएं भी हुई हैं। सोमवार को एक ही दिन लूट और हत्या की दो-दो वारदातों ने शहर को हिलाकर रख दिया है। 15 मार्च को उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के भालपट्टी शाखा के मैनेजर विजय झा को गोलियों से भून दिया गया। उसके बाद से लूट व हत्या की वारदातों ने पुलिस को नाकोदम कर दिया है। हाल में बहादुरपुर में मुखिया व ड्राइवर की हत्या, इंदिरा कॉलोनी डकैती में दो हत्या की घटना पुलिस की तत्परता पर बड़ा धब्बा है।
------------------
फोटो : 15डीआरजी 29
देखेंगे कहां क्या है प्राब्लम
मैं तो अभी-अभी आया हूं। निश्चित तौर पर आपराधिक घटनाएं चुनौती हैं। इन्हीं दोनों थानों में लगातार वारदातें हुई हैं। देखते हैं कहां क्या खामियां हैं और क्या कुछ करना चाहिए।
राजीव मिश्रा
एसएसपी, दरभंगा।
----