रंगदारी व हत्या के प्रयास में तीन को सजा
बक्सर। व्यवहार न्यायालय के एडीजे छह में रंगदारी व हत्या के प्रयास मामले की सुनवाई के दौरान
बक्सर। व्यवहार न्यायालय के एडीजे छह में रंगदारी व हत्या के प्रयास मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश उदय कुमार उपाध्याय ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलील के बाद तीन लोगों पर दोष सिद्ध पाया। इसमें न्यायाधीश ने मिथिलेश उर्फ दरोगा कुंअर को आठ वर्ष सश्रम कारावास सहित अलग-अलग धाराओं में पंद्रह हजार का जुर्माना लगाया। ललन कुंअर उर्फ अखिलेश कुंअर व मुन्ना कुंअर को पांच-पांच वर्ष की सजा व ग्यारह-ग्यारह हजार का जुर्माना लगाया। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर सभी पर एक माह का अतिरिक्त कारावास की सजा स्वत: बढ़ जाएगी।
मुकदमें के संबंध में अपर लोक अभियोजक विरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सभी ने मिल कर 14 दिसंबर 2012 की रात नौ बजे घटना के सूचक डा. रास बिहारी ठाकुर के घर पर पहुंच कर उनसे पांच लाख रुपये का रंगदारी मांग रहे थे। लेकिन, चिकित्सक ने अपने पास रूपया नहीं होने का हवाला देते हुए मना कर दिये। इस पर दरोगा कुंवर ने उन पर गोली चला दी थी। गोली उनके बाह में लगी थी। हो-हल्ला सुन आस पास गांव के लोगों के जुटने पर सभी आरोपी फरार हो गये थे। इस मामले में कोर्ट ने मिथिलेश उर्फ दरोगा कुंअर पर रंगदारी पांच वर्ष की सजा व पांच हजार जुर्माना, हत्या के प्रयास में आठ वर्ष की सजा व पांच हजार जुर्माना, आर्मस एक्ट 27 में पांच वर्ष की सजा व पांच हजार का जुर्माना। वहीं दो ललन कुअर व मुन्ना कुंअर पर आईपीसी की धारा 307 में 5 वर्ष व 5 हजार का जुर्माना, रंगदारी में 5 वर्ष व 5 हजार का जुर्माना 448 में 1 वर्ष की सजा व 1 हजार का जुर्माना लगाया। सभी सजा एक साथ चलेगी। लेकिन, जुर्माने की राशि का अलग-अलग भुगतान करना होगा।