शारीरिक शिक्षक बने एचएम तो खैर नहीं
बक्सर । मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा प्रदान करने के लिए बहाल शारीरिक शिक्षकों को प
बक्सर । मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा प्रदान करने के लिए बहाल शारीरिक शिक्षकों को प्रधानाध्यापक नहीं बनाना है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी एक पत्र के आलोक में जिला शिक्षा विभाग ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर वे किसी शारीरिक शिक्षक को हेडमास्टर बनाए तो उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। लेकिन, सवाल उठता है कि अगर वरीय अधिकारी ही शारीरिक शिक्षकों को हेडमास्टर बना दें तो उन पर कौन कार्रवाई करेगा।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना विनायक पांडेय ने बताया कि इस बाबत सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हर हाल में किसी विद्यालय में वरीय शिक्षक ही प्रभारी प्रधानाध्यापक होंगे। प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेवारी से शारीरिक शिक्षक तो मुक्त रहेंगे ही कनीय शिक्षकों को भी यह प्रभार नहीं सौंपना है। अधिकारी ने बताया कि विभाग तो यहां तक कह रहा है कि अगर कोई वरीय शिक्षक प्रभारी बनने से इनकार करते हैं तो उन्हें कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया जाए। बावजूद कनीय को प्रभारी न बनाया जाए। शारीरिक शिक्षकों के एक मामले में प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. चंद्रदुडू द्वारा शेखपुरा को दिए गए मार्गदर्शन में स्पष्ट कहा गया है कि मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा देने के लिए शारीरिक प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति की गई थी, जिनका कार्य विद्यालयों में बच्चों को शारीरिक शिक्षा प्रदान करना था। इन शिक्षकों को कभी भी सामान्य शिक्षक की भांति शिक्षक प्रशिक्षण उत्तीर्ण मानते हुए न तो प्रशिक्षित वेतनमान मिलेगा और न ही स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान अथवा प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति दी जाएगी।