बिहार का बक्सर जिला, जहां के DM ने की थी सुसाइड, अब OSD ने लगाई फांसी
बिहार के बक्सर जिला में डीएम के ओएसडी तौकीर अकरम ने सुसाइड कर ली है। विदित हो कि इसी जिले तत्कालीन डीएम ने भी कुछ समय पहले सुसाइड कर ली थी।
बक्सर [जेएनएन]। बिहार के बक्सर में जिलाधिकारी (डीएम) के विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) ने सुसाइड कर ली है। रविवार की सुबह अावास पर फंदे से लटकता उनका शव मिला। कहा जा रहा है कि उन्होंने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। विदित हो कि कुछ समय पहले बक्सर के तत्कालीन डीएम ने भी ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। इसी जिले के एक और अधिकारी ने हाल ही में प्रताड़ना से तंग आकर सुससाइ की धमकी दी थी।
जानकारी के अनुसार बक्सर डीएम अरविंद कुमार वर्मा के ओएसडी तौकीर अकरम ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली है। घटना देर रात से सुबह के बीच की बताई जा रही है। मृतक बक्सर के जिला भूअर्जन पदाधिकारी भी थे। वे कल रात पटना में किसी मीटिंग में शामिल होने के बाद बक्सर लौटे थे।
बताया जाता है कि तौकीर अकरम देर रात अपने बेड रूम में गए। उसके बाद उन्होंने पंखे से लटककर जान दे दी। वे घर में अपने माता-पिता के साथ रहते थे। उनकी मां बीमार रहती थीं, जिनके इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। उनकी पत्नी इन दिनों मायके गईं थीं।
मौके पर पहुंची पुलिस ने ओएसडी का लिखा सुसाइड नोट बरामद किया। ओएसडी ने भी खुदकशी नोट में घटना के लिए किसी को जिम्मेवार नहीं ठहराया है। उन्होंने लिखा है कि वे खुद की इच्छा से खुदकशी कर रहे हैं। हालांकि, उनकी मां का कहना है कि तौकीर बराबर काम के दबाव का जिक्र करता था।
ओएसडी अकरम जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के प्रभार में भी थे। पटना-बक्सर फोरलेन के भूमि-अधिग्रहण कार्य की जिम्मेवारी भी देख रहे थे। वे चरित्रवन स्थित वीर कुंवर सिंह कालोनी में एक किराए के फ्लैट में अपने माता-पिता के साथ रह रहे थे। पत्नी चार दिन पहले मायके छपरा गई थी।
इस खबर से जिले में हड़कंप मच गया। डीएम समेत तमाम वरीय अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। घर में माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल था।
मां नरगिस ने कहा, दबाव में था बेटा
ओएसडी तौकीर अकरम की मां नरगिस ने कहा कि उनका बेटा काम के काफी दबाव में था। वह बराबर इसका जिक्र करता था। उसके पास कई विभागों का प्रभार था। वह कहता था गोपनीय प्रशाखा में भी काम अधिक है। मां ने यह भी बताया कि उन्होंने एक बार अकरम से कहा भी था कि वह काम की बाबत खुद डीएम से बात करेंगी लेकिन बेटे ने मना कर दिया था। मां ने बताया कि उनके बेटे को वेतन भी नहीं मिल रहा था। वह मानसिक प्रताड़ना में था।
वेतन पर लगी थी रोक
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पिछले सात महीने से उनको आधे वेतन पर काम करना पड़ रहा था। पटना-बक्सर फोरलेन में किसी रैयती किसान के भुगतान में विवाद को लेकर कोर्ट ने मामला सुलझने तक उनके आधे वेतन के भुगतान पर रोक लगा दी थी।
बोले डीएम: दबाव के बारे में हमसे कुछ नहीं कहा
दूसरी तरफ डीएम ने घटना को दुखद और हैरान करने वाला बताया। डीएम ने बताया कि उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया इसकी जांच की जा रही है। काम के दबाव की बाबत बताया कि उन्होंने कभी जिक्र नहीं किया। ऐसी कोई बात नहीं कि काम का लोड ज्यादा हो। बताया कि किसी अधिकारी के पास दो-तीन प्रभार होना सामान्य बात है। डीएम ने घटना के पीछे कोई सरकारी कारण होने से इन्कार किया।
एसपी का रूटीन जवाब, पुलिस कर रही जांच
बक्सर एसपी के अवकाश के दौरान आज के प्रभारी एसपी अवकाश कुमार ने कहा कि घटना की जांच फारेंसिक टीम कर रही है। सुसाइड नोट की भी जांच कराई जा रही है। घटना की वजह को लेकर अभी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।
पहले भी हो चुकीं ऐसी घटनाएं
विदित हो कि इसी साल 10 अगस्त को बक्सर के तत्कालीन डीएम मुकेश पांडेय ने घरेलू कलह से तंग आकर सुसाइड कर ली थी। पिछले दिनों भवन निर्माण विभाग के एक वरीय अधिकारी पवन कुमार ने अपने विभाग के कार्यपालक अभियंता के व्यवहार और वेतन रोके जाने से क्षुब्ध होकर सुसाइड की धमकी दी थी। एक बार फिर बक्सर के एक प्रशासनिक अधिकारी के सुसाइड से जिला सुर्खियों में आ गया है।