नियोजन इकाइयों ने दबाए शिक्षकों के वेतन के रुपये
बक्सर । जिले की विभिन्न नियोजन इकाइयों के पास भी करोड़ों रुपये 'कालाधन' के रूप में मौजूद ह
बक्सर । जिले की विभिन्न नियोजन इकाइयों के पास भी करोड़ों रुपये 'कालाधन' के रूप में मौजूद है। नियोजन इकाइयों ने इसे अब तक दबा रखा है। या यूं कहें कि नियोजन इकाइयों के खाते में यह राशि पड़ी हुई है। हालांकि, अब विभाग की नजर उस पर पड़ गई है। विभाग ने उसे सरकार के खाते में जमा करवाने का निर्णय लिया है। जिला शिक्षा विभाग को इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले की विभिन्न नियोजन इकाइयों के खाते में करीब सात से आठ करोड़ रुपये शिक्षकों के वेतन मद में पड़े हुए हैं। बावजूद अभी तक किसी की नजर उस पर नहीं पड़ी। अब जब विभाग ने दबाव बनाया तो जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना विनायक पांडेय द्वारा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी कर प्रखंड या पंचायत नियोजन इकाई के पास जमा उक्त राशि को विभाग में खाते में लौटाने का आदेश दिया गया है। ताकि, उसे सरकार के खाते में जमा कराया जा सके। डीपीओ ने बताया कि दस दिसंबर तक हर हाल में उन सभी नियोजन इकाइयों को राशि लौटाने के लिए कहा गया है, जिनके खाते में शिक्षकों के वेतन मद में पैसा पड़ा हुआ है।
वर्ष 13-14 से पहले की है राशि
हैरत की बात यह है कि यह पैसा वित्तीय वर्ष 13-14 से पहले का है। तब नियोजन इकाइयों द्वारा ही शिक्षकों को वेतन का भुगतान किया जाता था। बाद में यह व्यवस्था बदल गई और डीपीओ के स्तर से शिक्षकों को भुगतान होने लगा। इस बीच जो राशि शिक्षकों के वेतन मद में नियोजन इकाइयों के खाते में पड़ी थी वह पड़ी रह गई और उसके बारे में किसी ने कुछ पूछने की जहमत नहीं उठाई।
पटना में हुई बैठक में मिला फरमान
पटना में जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में शिक्षा सचिव द्वारा इस आशय का फरमान जारी किया गया। उक्त बैठक में जिन नियोजन इकाइयों के पास शिक्षकों के वेतन मद में पैसा पड़ा हुआ है, उसे सरकार के खाते में जमा करवा उसका प्रतिवेदन देने के लिए कहा गया। डीपीओ ने बताया कि उक्त आदेश के आलोक में राशि लौटाने का निर्देश दिया गया है।
जिले की कुछ नियोजन इकाइयों के पास शिक्षकों के वेतन मद का वित्तीय वर्ष 13-14 के पहले का पैसा पड़ा हुआ है। उसे विभाग को लौटाने का आदेश दिया गया है।
विनायक पांडेय, डीपीओ स्थापना, बक्सर।