Move to Jagran APP

पहचान को मोहताज हैं शैदा जी

बक्सर। डुमरांव में भोजपुरी कविता व कहानी ज्यों जुबां पर आती है। त्यों ही डुमरांव के लोगों

By Edited By: Published: Wed, 02 Dec 2015 03:09 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2015 03:09 AM (IST)

बक्सर। डुमरांव में भोजपुरी कविता व कहानी ज्यों जुबां पर आती है। त्यों ही डुमरांव के लोगों को भोजपुरी के हास्य कवि विश्वनाथ प्रसाद शैदा की याद आ जाती है। यह संयोग ही कहा जाय कि जिस गली में शहनाई सम्राट भारत रत्न विस्मिल्ला खां का पैतृक घर है।

loksabha election banner

उसी गली बंधन पटवा गली में शैदा जी का भी पैतृक घर है। शैदा जी का जन्म एक रवानी कमकर परिवार के रामटहल राम के घर-आंगन में विगत 24 जनवरी 1911 को हुआ था। गरीब घर में पैदा होने के चलते शैदा जी पढ़ाई मात्र 8वीं तक हो सकी थी। लेकिन, सच कहा गया है होनहार बिरवन के होत चिकने पात। शैदा जी पिता की गरीबी के आगे हार नहीं माने और बच्चों को टयूशन पढा़कर आगे की पढ़ाई मैट्रिक तक पूरी की। बाद में प्रखर बुद्धि के बल पर उन्होंने नगर स्थित अभ्यासार्थ मध्य विद्यालय में शिक्षक की नौकरी पा ली। फिर क्या शैदा जी के अंदर छुपा कवि दिल उजागर होने लगा। शैदा जी की ¨जदगी ने एक नया मोड़ ले लिया। कवि व मुशायरा सम्मेलनों में शैदा जी ने आना-जाना शुरु कर दिया। शैदा जी अपने रचनाओं व हास्य कविता के बल पर धूम मचा दिये। उन्होंने अपने जीवन काल में दर्जनों रचनाओं में यथा गीतमंजरी, डुमरेजिन चालीसा, आपन देश-आपन माटी, चितचोर आदि की रचना कर डाली। उन्हें राज्य सरकार द्वारा आयोजित भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के बीच राज्यपाल के हाथों वर्ष 1972 में सम्मानित किया गया। नगर के प्रबुद्ध नागरिकों में सत्यनाराण प्रसाद, शंभूशरण नवीन, दशरथ प्रसाद विद्यार्थी, पूर्व शिक्षक लक्ष्मण ¨सह यादव, रामजी ¨सह शेरे दिल, सच्चिदानंद भगत नें शैदा जी की चर्चा करते हुए बताया कि शैदा जी एक ¨जदादिल इंसान थे। उनकी भोजपुरी कविताओं में ¨जदादिली झलकती थी। शैदा जी नगर के जिस गली से गुजरते थे। उस गली के लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखर जाती थी। उन्होंने 2 दिसम्बर 1985 को सदा के लिए संसार का परित्याग कर दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.