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सूखे ताल-तलैया, भटके वन्य प्राणी

केसठ (बक्सर) : तपती धरती, आग उगलता आसमान व भीषण गर्मी का प्रकोप केवल इंसानों पर ही नहीं, जानवरों पर

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2015 05:42 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 05:42 PM (IST)

केसठ (बक्सर) : तपती धरती, आग उगलता आसमान व भीषण गर्मी का प्रकोप केवल इंसानों पर ही नहीं, जानवरों पर भी प्रभाव डाल रहा है। पेयजल की समस्या केसठ सहित ग्रामीण इलाकों में भयंकर रूप धारण करने लगी है।

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स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करनेवाले छात्र-छात्राओं के अभिभावक नाश्ते के साथ पानी का बोतल देना नहीं भूल रहे हैं। साथ ही, क्षेत्र के कई सार्वजनिक स्थलों पर लगे हैंडपंप भी पानी देना कम कर दिये हैं। मई माह में ही क्षेत्र के हैंडपंपों से कम पानी आना लोगों में चिंता का सबब बन गया है। सबसे दयनीय हालत मवेशी व वन्य प्राणियों की है। ये जंगली जीव पानी के लिए खेतों की ओर रुख कर रहे हैं। वहां भी उन्हें पानी नहीं मिल रहा है। सुबह होते ही गाव के चापाकलों के आसपास हलक तर करने के लिए इन प्राणियों की स्थिति देखते बनती है। संयोग से दिखनेवाला हिरणों का झुंड पानी की टोह में जिंदगानी बचाने को भटकते दिख रहे है। इस वर्ष पिछले वर्ष से भी भयावह स्थिति बनी हुई है। आहर, नहर व तालाबों में पानी की जगह दरार पडे़ है। यह स्थिति तब है, जब मनरेगा से सभी पंचायतों में तलाबों की खुदायी हुई थी। इस योजना से खुदे तलाब भी सूखे हैं।


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