किसी ने चम्मच किसी ने हार, बिक गया बाजार
जागरण संवाददाता, बक्सर : धनतेरस की परंपरा को निवेश मान बाजार में निकले ग्राहकों ने मंगलवार को धन की
जागरण संवाददाता, बक्सर : धनतेरस की परंपरा को निवेश मान बाजार में निकले ग्राहकों ने मंगलवार को धन की ऐसी वर्षा की कि सर्राफा बाजार खुशी से चहक उठा। कभी तांबे व पीतल के बर्तन की खरीदारी तक सीमित लोगों ने इस बार सोने व चांदी के सिक्कों की जमकर खरीदारी की। इसमें इलेक्ट्रानिक व मोबाइल बाजार भी कम नहीं रहा। बल्कि वहां भी जमकर बिकवाली हुई।
धातु की चमक तो देखते बनी। शहर के प्रमुख सर्राफा दुकानों में आभूषण की बिक्री खूब हुई। खास बात यह रही कि एक बड़े तबके ने इस मौके को केवल परंपरा निर्वहन के तौर पर नहीं मनाया बल्कि महंगे ब्रांडों पर अपनी बोली लगायी। दोपहर से ही बाजार में ग्राहकों की भीड़ आनी शुरू हो गई। ठठेरी बाजार व मुनीम चौक पर भीड़ का आलम यह था कि दोपहिया वाहन भी पार करना मुश्किल हो रहा था। पैदल भी एक छोर से दूसरे किनारे तक पहुंचने में लोगों का तिगुना समय जाया हो रहा था। बर्तनों की ऐसी कोई दुकान न थी जो ग्राहकों से पटी न हो। कमोबेश यही स्थिति सर्राफा व्यवसायियों के दुकानों की भी थी। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल व वाहन एजेंसियों पर खरीदारों की अच्छी-खासी जमात दिखायी दी। इलेक्ट्रानिक दुकानों पर सबसे ज्यादा बिक्री एलईडी व एलसीडी टीवी की हुई। मोबाइल की छोटी-बड़ी हर दुकान में ग्राहकों की भीड़ रही।
ग्राहकों से पटे रहे झाड़ू के दुकान भी
बक्सर : परंपरा के अनुसार झाड़ू की भी जमकर बिक्री हुई। बाजार का आलम यह था कि कई जगहों पर केवल झाड़ू की ही दुकान सजी थी। कोई दुकान ऐसा नहीं था जहां लोग इसको लेकर मोलभाव नहीं कर रहे थे। दोपहर बाद से चालू हुआ यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। कई दुकानों की तो स्थिति यह थी कि वे लोगों को झाड़ू उपलब्ध भी नहीं करा सके। नई बाजार निवासी मुन्ना शर्मा की मानें तो अन्य बार की अपेक्षा इस बार झाड़ू की जमकर बिक्री देखने को मिली। ऐसा लग रहा था मानों हर कोई झाड़ू खरीद रहा था।
कटोरी व चम्मच भी खूब आए रास
बक्सर : बाजार में जहां एक वर्ग सोने व चांदी के सिक्के खरीदने में मशगूल था। वहीं, दूसरी तरफ लोगों को कटोरी चम्मच भी खूब रास आये। बर्तन बाजार अधिकांश ऐसे लोगों से अटा पड़ा था जहां कटोरी व चम्मच की बिक्री खूब हुई। स्थानीय ठठेरी बाजार में आस्थावानों की भीड़ इस कदर उमड़ी थी मानों तिल रखने की भी जगह मौजूद न हो। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों से खरीदारी करने को पहुंचे लोगों का तांता दिनभर लगा रहा। शहरवासियों का एकाएक हुजूम शाम में टूट पड़ा। रोशनी बीच बाहर तक लगे चमकते बर्तनों की चमक और भी बाजार को जगमग किए हुए था। यहां पर पांच रुपये के चम्मच से लेकर पांच हजार रुपये तक के आयटम मौजूद थे।