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घने कोहरे व सर्द पछुआ हवा से बढ़ने लगी मुश्किलें

पिछले तीन-चार दिनों से लगातार पारा के लुढ़कने से ठंड अब अपने परवान पर है।

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 03:10 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 03:10 AM (IST)

भोजपुर। पिछले तीन-चार दिनों से लगातार पारा के लुढ़कने से ठंड अब अपने परवान पर है। घने कोहरे व सर्द पछुआ हवा को ले न्यूनतम तापमान तकरीबन 13 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जिससे वातावरण में ठिठुरन बढ़ गई है। दिन में सूर्य के देर से दिखाई देने व शाम में जल्द ही छिप जाने से दिन के अधिकतम तापमान में भी भारी गिरावट आ गई है, जो अत्यधिक ठंड का मुख्य कारण है। ठंड के बढ़ने से आम जन जीवन प्रभावित होने लगा है। खास कर बुजुर्गों व बच्चों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा। ठंड के बढ़ने से खेती पर प्रतिकूल असर तो नहीं दिखता। लेकिन यदि ठंड और बढ़ती है तो आलू की फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना बढ़ जाएगी। अगिआंव से संवाद सूत्र के अनुसार, पछुआ हवा व कुहासे के बीच कड़ाके की ठंड से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मुख्यालय समेत पवना, अजीमाबाद, नारायणपुर, बरुणा समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गर्म कपड़ा व अलाव का सहारा लेने को विवश हैं। ठंड के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों मे प्रशासनिक स्तर से अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं गरीब व मजदूर वर्ग के लोग इधर-उधर से लकड़ी एकत्रित कर उसे जलाकर अपने आपको ठंड से बचाव कर रहे हैं। किसान मजदूर नेता चन्द्रधर राय ने बताया कि सरकार द्वारा गरीबों के हित में चलाई गई योजनाएं धरातल पर ढाक के तीन पात ही साबित होती हैं। इससे गरीबों को विशेष लाभ नहीं हो पा रहा है। इधर अंचलाधिकारी ने बताया कि ठंड को देखते हुए अलाव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। संदेश से संवाद सूत्र के अनुसार, क्षेत्र में शीतलहर एवं कड़ाके की ठंड से पूरा जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। छोटे-छोटे बच्चे को इस ठंड में विद्यालय आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही वाहनों के आवागमन में भी काफी फजीहत का उठानी पड़ रही है। इस ठंड ने तो किसानों की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ा दी है।


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