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आजादी के बाद भी सामाजिक-आर्थिक आजादी स्वप्न मात्र : मांझी

भोजपुर । स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारियों का राष्ट्रीय सम्मेलन स्थानीय नागरी प्रचारिणी सभ

By Edited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 09:14 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 09:14 PM (IST)
आजादी के बाद भी सामाजिक-आर्थिक आजादी स्वप्न मात्र : मांझी

भोजपुर । स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारियों का राष्ट्रीय सम्मेलन स्थानीय नागरी प्रचारिणी सभागार में विशिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी समिति, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य पद्मश्री डा. एम.पी. पांडेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित की गई। सम्मेलन का आयोजन चर्चित स्वतंत्रता सेनानी सह पूर्व विधायक रामजी प्रसाद सिंह की 17वीं पुण्यतिथि पर स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण परिषद एवं रामजी प्रसाद सिंह ग्रामीण विकास सामाजिक एवं आर्थिक शोध संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पद्मश्री डा. एम.पी. पांडेय एवं अन्य विशिष्ठ अतिथियों ने सामूहिक रूप से दीप जलाकर किया। उसके बाद स्वर्गीय रामजी बाबू के चित्र पर पुष्प अर्चन कर श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में पद्मश्री डा. पांडेय, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, श्री भगवान सिंह कुशवाहा एवं डा. अब्दुल मालिक, जिप के पूर्व अध्यक्ष उदय शंकर यिंह, स्वतंत्रता सेनानी सुधीन्द्र चन्द्र मोइत्रा, राम प्रकाश साह, विजय देश पांडेय, हरदेव पाटिल एवं 'हम' के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. दानिश रिजवान समेत कई प्रमुख थे। सम्मेलन में राजनीतिक, आर्थिक एवं उत्तराधिकारी कल्याण संबंधी प्रस्ताव की प्रस्तुति संतोष तिवारी, सुशील शर्मा एवं शशिकांत तिवारी ने किया। सम्मेलन में अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी महासंघ के अध्यक्ष पद हेतु पद्मश्री डा. एम.पी. पांडेय (रायपुर, छत्तीसगढ़) तथा महासचिव पद हेतु डा. शशि कुमार सिंह के नाम का प्रस्ताव चतुरानन ओझा ने किया। सरकार से पत्राचार हेतु डा. शशि को अधिकृत किया गया। महासंघ का राष्ट्रीय कार्यालय नई दिल्ली एवं कैंप कार्यालय आरा में खोलने का निर्णय लिया गया। सम्मेलन में सभाध्यक्ष समेत मुख्य अतिथि एवं विशिष्ठ अतिथियों को स्मृति चिह्न एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया। 25 स्वतंत्रता सेनानी, उत्तराधिकारी एवं कलाकारों का भी सम्मान बुके शाल देकर किया गया। संचालन डा. शशि एवं धन्यवाद ज्ञापन पूर्व प्राचार्य डा. पारसनाथ सिंह ने किया। अन्य शामिल लोगों में यज्ञ नारायण तिवारी, पूर्व प्राचार्य डा. गांधी जी राय, राणा प्रताप सिंह, डा. निर्मल कुमार, प्रो. अरुण सिंह, डा. के.एन. सिन्हा, डा. योगेन्द्र सिंह, डा. के.के. राय, सुनील कुमार, डा. अशोक सिंह मोना, परशुराम सिग्रीवाल, अजय कुमार, शंकर सोनी, मनोज सिंह एवं उत्कर्ष आदि थे। मुख्य अतिथि पद से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि आप स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी की लड़ाई लड़ते समय आजाद भारत की एक परिकल्पना की होगी क्या आपका यह सपना साकार हुआ? आजादी के 70 वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी सामाजिक और आर्थिक आजादी स्वप्न मात्र बनकर रह गई है। अध्यक्षीय मंच से पद्मश्री डा. एम.पी. पांडेय ने कहा कि भारत को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से आजाद कराने के लिए एक बार पुन: उसी जज्बे के साथ स्वतंत्रता सेनानियों एवं उत्तराधिकारियों को संघर्ष के मैदान में उतरना होगा।


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