Move to Jagran APP

प्राथमिक विद्यालयों में छात्र मिड डे मील से हुए वंचित

भोजपुर। इसे शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही कहें या विभागीय उदासीनता पर यह तल्ख सच्

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 02:52 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 02:52 AM (IST)
प्राथमिक विद्यालयों में छात्र मिड डे मील से हुए वंचित

भोजपुर। इसे शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही कहें या विभागीय उदासीनता पर यह तल्ख सच्चाई है कि पीरो प्रखंड में 50 से भी अधिक विद्यालयों में बच्चों को दोपहर में मिलने वाले भोजन से वंचित होना पड़ रहा है। इन विद्यालयों में पिछले एक माह से मध्याह्न भोजन के लिए आवश्यक चावल की आपूर्ति नहीं हो रही है ऐसे में यहा मिड डे मील का संचालन पूरी तरह ठप हो गया है।

loksabha election banner

-------

क्यों नहीं हो रही चावल की आपूर्ति :

पीरो प्रखंड में मध्याह्न भोजन योजना के लिए विद्यालयों को चावल की आपूर्ति हेतु बहाल संवेदक द्वारा जगदीशपुर प्रखंड में आगनबाडी केन्द्रों को चावल आपूर्ति में की गयी गड़बड़ी उजागर होने के बाद जिला प्रशासन की ओर से संवेदक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उक्त संवेदक की जगह दूसरे संवेदक की चयन में एक माह से ज्यादा समय लग गया। संवेदक का चयन भी हुआ तो नियमों की अवहेलना कर। जिस कारण नए संवेदक का चयन करने में काफी विलंब हुआ। लिहाजा चावल का उठाव एवं वितरण किए जाने में देरी हुआ। ऐसे में मध्याह्न भोजन का संचालन ठप हो जाना लाजिमी है।

---------

छात्रों की उपस्थिति हो रही प्रभावित :

प्रखंड के जिन विद्यालयों में चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन बंद है वहा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति प्रभावित हो रही है। ऐसे विद्यालयों में दोपहर के निबाले से वंचित छात्र आम दिनों की तरह विद्यालय आने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं जहा आम दिनों यहा छात्र-छात्राओं से विद्यालय ठसाठस भरा होता है वहा एमडीएम बंद रहने के कारण आधे छात्र भी विद्यालय में नहीं दीख रहे हैं।

-------

क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक

संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक बेवाक रूप से से यह स्वीकार करते हैं कि मध्याह्न भोजन का संचालन बंद होने के कारण छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ज्यादातर प्रधानाध्यापकों का कहना है कि वर्तमान में कार्यरत संवेदक द्वारा कभी भी समय पर चावल की आपूर्ति नहीं की जाती है। संवेदक की मनमानी के कारण वैसे भी यहा अक्सर एमडीएम संचालन प्रभावित होता रहा है।

-------------

कहते है जिला कार्यक्रम प्रबंधक: मिड डे मिल योजना के जिला कार्यक्रम प्रबंधक शशि रंजन ने कहा कि वैसे तो पूरे जिला में कुल 215 विद्यालयों में मिड डे मिल योजना ठप है। पीरों में संवेदक का चयन नहीं किए जाने के कारण चावल का उठाव होने में विलंब हुआ। जबकि अन्य प्रखंडों में राज्य खाद्य निगम से चावल नहीं मिलने के कारण विद्यालयों में बच्चों को भोजन नसीब नहीं हो रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.