मधुपालन व्यवसाय पर गहराने लगा संकट
संवाद सूत्र, कोईलवर (भोजपुर): पिछले दशक के पूर्वाद्ध में जिस मधुपालन व्यवसाय ने अन्य बेरोजगारों को आ
By Edited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 02:56 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 02:56 PM (IST)
संवाद सूत्र, कोईलवर (भोजपुर): पिछले दशक के पूर्वाद्ध में जिस मधुपालन व्यवसाय ने अन्य बेरोजगारों को आकर्षित किया था उस पर संकट गहरा गये हैं। पिछले छह-सात सालों में इस व्यवसाय को तबाह करने वाले कई रोग व कारण पैदा हुए। छत्तों को नष्ट करने वाले और मधुमक्खियों को रोगी बना देने वाले कीड़ों ने खूब तबाही मचाई। नतीजा हुआ कि अधिकतर मधुपालकों का व्यवसाय अस्सी-नब्बे प्रतिशत चौपट हो गया। सुधार की उम्मीद में ही दस-बीस प्रतिशत जीवित है।
मधुपालकों ने बताया कि आफ सीजन में मधुमक्खियों को चीनी के घोल देकर महीनों जीवित रखना पड़ता है। चीनी की महंगाई ने मधुपालकों को इस लायक भी नहीं रखा।
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