शौकिया लगाए गए वृक्ष पर्यावरण संतुलन के बन रहे साथी
संवाद सूत्र, शाहपुर (भोजपुर) : अंजाने में भी लोग कुछ ऐसे काम कर देते हैं जो पर्यावरण के लिए सही होता
संवाद सूत्र, शाहपुर (भोजपुर) : अंजाने में भी लोग कुछ ऐसे काम कर देते हैं जो पर्यावरण के लिए सही होता है। प्रखंड क्षेत्र में सहजौली, भरौली, ईश्वरपुरा, लालू के डेरा, बरीसवन समेत कई अन्य स्थानों पर शौकिया तौर पर हजारों एकड़ क्षेत्रफल में लगाये गये बाग-बगीचे पर्यावरण संतुलन के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। इन बगीचों के आसपास के भूगर्भीय जलस्तर पर भी इसका अनुकूल प्रभाव देखा जा रहा है। हालांकि स्थानीय कुछ लोगों द्वारा लाखों फलदार वृक्षों को शौकिया तौर पर लगाए गए हैं। उक्त पेड़ आजकल पर्यावरण संतुलन में अहम भूमिका निभा रहा है। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इन सबसे इतर सड़कों के किनारे पेड़ लगाने का काम किये जो छायादार वृक्षों की श्रेणी में है और आक्सीजन छोड़ने में सबसे आगे।
पेड़ पौधे लगाने के जुनून में कुछ लोगों द्वारा विषम परिस्थितियों का सामना करते ऐसे वीरान एवं उसड़ भूमि पर बगीचे लगाये गये हैं जहां पटवन के लिए पानी का कोई जरिया नहीं था। पर कोसों दूर से पानी लाकर पेड़ों को बड़ा किया। लोगों की मानें तो जिन स्थानों पर सघन पेड़ों की संख्या ज्यादा क्षेत्रफल है उसके आसपास के भूगर्भीय जलस्तर में ज्यादा फर्क नहीं है। पूर्व की भांति चापाकलों सहित अन्य पेयजल स्रोतों से पानी आसानी से प्राप्त हो रहा है। पिछले एक दशक के दौरान स्थानीय लोगों में फलदार एवं व्यावसायिक वृक्षों को लगाने का जो जुनून शुरू हुआ उसका ही परिणाम है कि फिलहाल हजारों एकड़ क्षेत्रफल में आम, अमरूद, कटहल, शीशम, सागवान सहित कई प्रकार के लाखों पेड़ लगाये गये। उक्त पेड़ आज की तारीख में विशाल पेड़ हो चुके हैं। इन पेड़ों से लोगों को जहां समय-समय पर फल मिल रहे हैं वही पर्यावरण चक्र को संतुलित करने में अहम योगदान भी पेड़ों द्वारा दिया जा रहा है।