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जिएतिया पर माताओं ने रखा निर्जला उपवास

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 09:15 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 09:15 PM (IST)

जेएनएन,आरा/पीरो : माताओं द्वारा पुत्र के चिरंजीवी होने की कामना को लेकर मनाया जाने वाला जीवित पुत्रिका व्रत जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों में मंगलवार को परंपरागत रूप से संपन्न हुआ। इस मौके पर व्रती माताओं ने निर्जला उपवास रखकर भगवान जीमूत वाहन की विधिवत पूजा-अर्चना एवं जीवित पुत्रिका व्रत कथा का नियमानुसार श्रवण किया। इसके लिए जगह-जगह व्रती माताओं की भीड़ जुटी थी। कई स्थानों पर व्रतियों ने परंपरानुसार भगवान सूर्य को भी अ‌र्ध्य अर्पित किया। ऐसी मान्यता है कि व्रत रखने वाली माताओं के पुत्र दीर्घजीवी होते हैं और उनके जीवन में आने वाली सारी विपत्तिया स्वत: टल जाती हैं। शाहपुर से संवाद सूत्र के अनुसार, निर्जला उपवास के बाद महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से जीवित व्रत कथा का श्रवण किया गया। अगिआंव से संवाद सूत्र के अनुसार, पुत्र के दीर्घायु के लिए जीउतिया व्रत के अवसर पर अजीमाबाद, पवना, अगिआंव, बरुणा, नारायणपुर, बेरथ, बड़गांव समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में माताओं ने निर्जला व्रत रख सोन नदी, तालाब व अन्य जलाशयों में स्नान कर भगवान भास्कर को अ‌र्ध्य दे पूजा अर्चना कर पुत्र की दीर्घायु होने की मंगल कामना की। चरपोखरी से संवाद सूत्र के अनुसार, इस अवसर पर मलार नदी एवं बनास नदी तट पर माताओं ने स्नान कर विधिवत पूजा-अर्चना की। पुत्र-पुत्री की दीर्घायु होने की कामना की। शाम ढलते ही प्रखंड के विभिन्न जलाशयों में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। नेनुआ के पता पर जिउतिया धागे में सोने एवं चांदी का गुथाकर अरवा चावल के अछत लेकर पारंपरिक रीति रिवाज के साथ पूजा अर्चना की। सहार से संवाद सूत्र के अनुसार, पुत्र के दीर्घायु होने का पर्व पूरे प्रखंड क्षेत्र में हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर माताओं द्वारा अपने पुत्रों के दीर्घायु होने की कामना हेतु पुत्रवती महिलाओं द्वारा स्नान के उपरांत जिउत बंधन देव की कथा श्रवण किया गया।

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बिहिया से संवाद सूत्र के अनुसार ,पुत्र के दीर्घायु होने की कामना के लिए मनाये जा रहे जीवित पुत्रिका ब्रत के अवसर पर महिलाओं ने निर्जला उपवास रखा तथा जीउत वाहन भगवान की पूजा की। इस दौरान माहौल भक्तिपूर्ण बना रहा।


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