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मागों को ले किसान सभा का धरना

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 08:34 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 08:34 PM (IST)

संवाद सहयोगी, पीरो (भोजपुर) : अखिल भारतीय किसान सभा की पीरो प्रखंड इकाई द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अपनी सात सूत्री मागों को लेकर मंगलवार को अनुमंडल कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया। पूर्व विधायक एवं किसान सभा के जिलाध्यक्ष चंद्रदीप सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस धरना कार्यक्रम के दौरान संगठन के राच्य सचिव सुदामा प्रसाद सहित अन्य नेताओं ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की कारपोरेट परस्त नीतियों के कारण धान का कटोरा कहलाने वाले भोजपुर जिले में कृषि पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। धनरोपनी के लिए समय निकलता जा रहा है लेकिन अब तक सरकारी स्तर पर नहरों में पानी पहुंचाने या बंद पड़े नलकूपों को चालू करने का अब तक कोई पहल नहीं की गयी है। इसके लिए किसान सभा पिछले दो माह से आवाज उठा रही है। किसान नेताओं ने कहा कि अच्छे दिन लाने का वादा कर सत्तासीन हुई नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने पहले बजट में ही ऐसे संकेत दे दिये हैं कि निकट भविष्य में किसानों के लिए अच्छे दिन नहीं आने वाले हैं। किसान सभा के राच्य सचिव सुदामा प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार के बजट में सिंचाई के लिए महज एक हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है, जबकि स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए 139 हजार करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है। इससे सरकार का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। मोदी सरकार के इस नीति से किसानों में हताशा व्याप्त है और किसान खेती से तौबा करने मजबूर होने लगे हैं। यही स्थिति राच्य सरकार की है। बिहार में 24 जिले सूखे की चपेट में हैं लेकिन सूबे की सरकार सूखे से निपटने के लिए अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पायी है। किसान नेताओं ने केंद्र सरकार की देखरेख में बाणसागर समझौता लागू करने, भोजपुर के विभिन्न नहरों में टूटे तटबंधों की शीघ्र मरम्मत कराने, बंद पड़े सरकारी नलकूपों को चालू कराने, सिंचाई के लिए 18 घटे बिजली की आपूर्ति करने, डेढ़ुआ पंप नहर योजना और कदवन परियोजना को शीघ्र चालू करने आदि की माग उठायी। धरना में विमल यादव, विजय राम, रामकिशोर राय, कृष्णा गुप्ता, रामप्रवेश राम सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।


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