ट्रिपल आइटी में दाखिले को 15 से आनलॉइन आवेदन
जिले में बन रहे सूबे के इकलौते ट्रिपल आइटी में जुलाई से नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
भागलपुर। जिले में बन रहे सूबे के इकलौते ट्रिपल आइटी में जुलाई से नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसमें दाखिले के लिए छात्र 15 जून से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। ट्रिपल आइटी का उद्घाटन अगले माह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। यह जानकारी भागलपुर इंजीनिय¨रग कॉलेज के प्राचार्य निर्मल कुमार ने बुधवार को दी।
उन्होंने बताया कि 20 जून को मेंटर इंस्टीट्यूट आइआइटी गुवाहाटी की टीम निदेशक की अध्यक्षता में इंजीनिय¨रग कॉलेज आ रही है। उस दौरान सूबे के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव भी मौजूद रहेंगे। भवन निर्माण विभाग के अभियंताओं ने बुधवार को निर्माण स्थल का निरीक्षण किया।
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दो सौ करोड़ से बनेगा भवन
2010-11 में जब केंद्र सरकार ने ट्रिपल आइटी की योजना बनाई थी तब इसकी लागत 128 करोड़ थी। लेकिन अब इस पर लगभग दो सौ करोड़ खर्च होने का अनुमान है। देशभर में 20 ट्रिपल आइटी खोले जाने हैं। ऐसे में राज्य में यह पहला संस्थान खुल रहा है। पाच संस्थानों को केंद्र सरकार ने अपने स्तर से खोला है, जबकि शेष संस्थान पीपीपी मोड पर खोले जाने हैं। भागलपुर में भी पीपीपी मोड पर ही ट्रिपल आइटी का निर्माण हो रहा है। इसमें केंद्र सरकार के खर्च की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत, राज्य सरकार की 35 प्रतिशत और इंडस्ट्री पार्टनर की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत होगी। इंडस्ट्री पार्टनर बेलट्रॉन को बनाया गया है।
एल आकार का होगा कैंपस
ट्रिपल आइटी का निर्माण इंजीनियरिंग कॉलेज के पश्चिम से लेकर उत्तर की ओर कॉलेज की 50 एकड़ जमीन पर होगा। जिस तरफ संस्थान खुलना है उस तरफ 20 एकड़ में आम का बगीचा है। प्राचार्य आवास और एनएच 80 से सटे संस्थान के कैंपस की सड़क, प्रशासनिक भवन और शिक्षक आवास खोलने की योजना है। एकेडमिक भवन और हॉस्टल कॉलेज के उत्तर में गंगा से सटे बनेंगे। कैंपस अंग्रेजी वर्णमाला के एल अक्षर के जैसा होगा। केंद्रीय साइट सेलेक्शन कमेटी भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में ट्रिपल आइटी के लिए स्थल को अनुमति दे दी है। इसकी बाउंड्री इस तरह बनाई जाएगी कि इंजीनियरिंग कॉलेज और ट्रिपल आइटी के कैंपस अलग-अलग रहें।
दो मौजा से ली गई जमीन
ट्रिपल आइटी के लिए बरारी मौजा से 15 और फतेहपुर मौजा से 15 एकड़ जमीन ली गई है। सड़क निर्माण में कुछ पेड़ों के भी कटने की आशका है। हालाकि अधिकारियों ने बताया कि कोशिश की जाएगी कि कम से कम पेड़ कटें। इसके लिए नक्शे में थोड़ा बदलाव भी किया जा सकता है। मुख्य भवन को बाढ़ से बचाने के उपायों पर संबंधित विभाग विचार कर रहा है।