बैटरी भुलाए याददाश्त फुलाए सांस
सुबह की सैर के दौरान साथियों ने सूचना दी कि पड़ोसी शर्मा जी की तबीयत खराब है। सैर पूरी होने के बाद हाल-चाल जानने उनके घर गया।
भागलपुर ( संजय सिंह)। सुबह की सैर के दौरान साथियों ने सूचना दी कि पड़ोसी शर्मा जी की तबीयत खराब है। सैर पूरी होने के बाद हाल-चाल जानने उनके घर गया। बातचीत के दौरान जानकारी मिली कि शर्मा जी बिजली समस्या से तंग आकर ट्यूबलर बैटरी और इनवर्टर ले आए। उन्होंने उसे अपने घर में लगा लिया। मगर जब वे बीमार पड़े तो डॉक्टर ने बताया कि यही बैटरी उनकी बीमारी की वजह है।
भागलपुर में प्रति माह लगभग पांच से सात करोड़ रुपये की बैटरी का कारोबार होता है। अधिक टिकाऊ होने के कारण लोग ट्यूबलर बैटरी को ही खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन, ऐसे लोगों को यह नहीं बताया जाता कि ट्यूबलर बैटरी को कमरे के अंदर रखना स्वास्थ्य के लिए घातक है। इस बैटरी के चार्ज होने के दौरान हाइड्रोजन गैस निकलती है। इसमें लेड होती है। इसका दुष्प्रभाव बच्चों सहित बड़ों पर भी पड़ता है। इसमें लगे लेड यौगिक काफी जहरिले होते हैं। यह बच्चों के दिमाग, गुर्दे आदि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सांस की बीमारी भी हो सकती है।