बेटी की अस्मत लुटता देख मां बनी रणचंडी, कुल्हाड़ी से पति को ही काट डाला
एक मां ने बेटी की अस्मत बचाने के लिए कुल्हाड़ी से अपने पति को काट डाला। इसके बाद खून सनी कुल्हाड़ी को लेकर पुलिस थाने पहुंची और जुर्म कबूल लिया। दिल को हिला देने वाली यह वारदात बिहार के कटिहार जिला में हुई है।
कटिहार। एक मां अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजर सकती है...जी हां कुछ भी। अगर बच्चों पर मुसीबत आए तो वह रणचंडी का रूप भी धारण कर सकती है। एेसी ही एक मां ने बेटी की अस्मत बचाने के लिए अपने पति को ही कुल्हाड़ी से काट डाला, फिर खून सनी कुल्हाड़ी लेकर थाने पहुंचकर जुर्म कबूल लिया।
दिल दहला देने वाली यह घटना कटिहार जिले के कदवां गांव की है। सोमवार की सुबह द्रौपदी देवी ने जब पुलिस के सामने जुर्म कबूलते हुए दर्दनाक वाकया सुनाया तो वहां मौजूद लोगों की रूह कांप गई। नजरें शर्म से झुक गईं और एक पल के लिए पुलिस थाने में मातमी सन्नाटा छा गया। लेकिन, जुर्म तो जुर्म है। द्रौपदी को गिरफ्तार कर लिया गया।
बेटी से छेड़खानी करता था पति
द्रौपदी ने बताया कि वह अपने पति सुनील ऋषि और दो मासूम बच्चों के साथ रहती थी। उसका पति मासूम बेटी को गोद में उठाकर उससे छेड़खानी करता रहता था। इसे देखकर सोचती थी कि पिता है, बेटी को प्यार-दुलार कर रहा है। बेटी कभी-कभी इस छेड़खानी की शिकायत करती थी, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया।
रात में की हवस मिटाने की कोशिश
बुरी तरह रोती द्रौपदी ने आगे बताया कि बीती रात सभी सो रहे थे कि करीब दो बजे बेटी के चीखने की आवाज आई। नींद खुली तो जो देखा, उसपर यकीन करना मुश्किल था। उसका पति बेटी का मुंह दबाकर अपनी हवस मिटाने की कोशिश कर रहा था।
पति को कुल्हाड़ी से काटकर बच्ची को बचाया
बच्ची की घुटती सी आवाज ने द्रौपदी की ममता को आवाज दी। हवस में अंधे हो चुके पति को हटाने की कोशिश नाकामयाब रही तो मासूम बेटी की अस्मत बचाने के लिए उसने पास रखी कुल्हाड़ी उठा ली। फिर, पति पर तबतक वार करती रही, जब तक उसकी सांसें थम नहीं गयीं।
थाने में कर दिया आत्मसमर्पण
द्रौपदी ने पति की खून सनी लाश के बगल में मासूम बच्चों को खून सने आंचल में छिपाकर रात काटी। सुबह होते ही खून से सने कपड़ों और कुल्हाड़ी लेकर वह बच्चों के साथ नगर थाना पहुंची। पुलिस ने उसके घर से केशव के शव को कब्जे में ले लिया।
अब बच्चों की परवरिश की चिंता
बहरहाल, द्रौपदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब उसे बच्चों की परवरिश की चिंता सता रही है।