गैंगेस्टर से मदद लेकर कौडिय़ों की कीमत में प्रापर्टी डीलर और बिल्डर हथिया लेते हैं जमीन
अनुसंधान में अबतक तीन दर्जन से अधिक हत्याओं में प्रापर्टी डीलरों, बिल्डरों की ओर से आपराधिक गिरोहों के सहयोग लिए जाने की बात सामने आई है। एेसे लोगों की क्राइम ब्रांच की नजरें है।
भागलपुर (कौशल किशोर मिश्र)। जिले में जमीन-मकान की खरीद-बिक्री के कारोबार में लगे कुछ प्रापर्टी डीलरों और बिल्डरों की कुंडली क्राइम ब्रांच खंगाल रही है। जिले के कुछ विवादित बेशकीमती भूखंड को सुलझाने और रुपये के बड़े लेन-देन में गैंगेस्टर का सहयोग लेने में इनकी भूमिका संदेह के घेरे में आ चुकी है। क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार कोतवाली, लोदीपुर, मोजाहिदपुर, हबीबपुर, कजरैली, नाथनगर, मधुसूदनपुर, सबौर, जीरोमाइल, बरारी, तिलकामांझी, आदमपुर जगदीशपुर, नवगछिया प्रॉपर, परबत्ता और गोपालपुर क्षेत्र में इन प्रापर्टी डीलरों और बिल्डरों की सक्रियता की बात सामने आ रही है।
तकनीकी निगरानी में सात आपराधिक गिरोहों से इनके ताल्लुकात की बात कही जा रही है। क्राइम ब्रांच इनकी गतिविधियों को लेकर साक्ष्य जुटा रही है। इन प्रापर्टी डीलरों और बिल्डरों में कुछ के राजनीतिक कनेक्शन और पहुंच के बूते गैंगेस्टर को मदद दिलाने को लेकर भी चौंकाने वाले साक्ष्य जल्द सामने आने की बात भी कही जा रही है। कहा जा रहा है कि जल्द ही क्राइम ब्रांच इस संबंध में रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप सकती है। उसके बाद दागी प्रापर्टी डीलर और बिल्डरों पर कानून का शिकंजा कस सकता है।
तीन दर्जन से अधिक हत्या में आपराधिक सहयोग
पुलिसिया अनुसंधान में अबतक तीन दर्जन से अधिक हत्याओं में प्रापर्टी डीलरों, बिल्डरों की ओर से आपराधिक गिरोहों के सहयोग लिए जाने की बात सामने आई है। मार्बल व्यवसायी अमरजीत राय की इसी साल 19 अप्रैल 2018 की रात बड़ी पोस्ट ऑफिस के समीप हुई गोली मारकर हत्या मामले में गैंगेस्टर से सहयोग की बात सामने आई थी। प्रापर्टी डीलरों ने लाखों के लेन-देन को लेकर कुख्यात से सहयोग लिया था।
इसके पूर्व कांग्रेस नेता देवेश सिंह, पेट्रोल पंप मैनेजर जयकिशन शर्मा, रतन शर्मा, राजद जिलाध्यक्ष लक्ष्मीकांत यादव, प्रमोद राय, पवन अग्रवाल समेत तीन दर्जन से अधिक हत्याएं ऐसी सामने आई जिसे अंजाम दिलाने के पीछे प्रापर्टी डीलरों, बिल्डरों की ओर से गैंगेस्टर के सहयोग लिए जाने की बात सामने आ चुकी है। अबतक कुख्यात राणा मियां गिरोह, सत्तन यादव गिरोह, तेरे नाम गिरोह, मिश्रा बंधु गिरोह के नाम समय-समय पर चर्चा में रहे हैं। आपराधिक गिरोहों की संलिप्तता के साक्ष्य सामने आने पर पुलिस कई मामलों में कार्रवाई भी कर चुकी है।