बिहार में बोले ओवैसी, नीतीश उठाएं सीमांचल विकास परिषद के लिए आवाज
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआइएमआइएम) के अखिल भारतीय अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विशेष पैकेज की मांग जायज है, लेकिन सीमांचल के वांछित विकास के लिए उन्हें सीमांचल विकास परिषद की आवाज उठानी चाहिए।
किशनगंज। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआइएमआइएम) के अखिल भारतीय अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विशेष पैकेज की मांग जायज है, लेकिन सीमांचल के वांछित विकास के लिए उन्हें सीमांचल विकास परिषद की आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि धारा 137 के तहत सीमांचल के विकास के लिए सीमांचल विकास परिषद जरूरी है। इसका गठन होने से ही सीमांचल का विकास संभव है। इसका प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से केंद्र को भेजा जाना चाहिए। तभी नालंदा और सीमांचल के तमाम जिलों के बच्चों की छात्रवृत्ति मद में आवंटित राशि में जमीन-आसमान का अंतर समाप्त होगा।
उन्होंने कर्नाटक तथा अन्य प्रदेशों में इस धारा के तहत विकास बोर्ड बनाने का उदाहरण भी दिया। ओवैसी रविवार को रुईधाशा मैदान में समाजी इंसाफ फ्रंट द्वारा आयोजित क्रांतिकारी जन अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जंगलराज व विकास की बातें नहीं सुननी है। बहुत सुन चुका हूं। मैं तो अब इंसाफ की बातें करने आया हूं। मैं इंसाफ चाहता हूं। विकास की बातें हों या शिक्षा की।
उन्होंने कहा कि सभी मामलों में सीमांचल के साथ नाइंसाफी होती रही है। अब और नहीं। राज्यसभा का मामला हो या विधानसभा का। निगम-बोर्ड के गठन का मामला हो। इस क्षेत्र के साथ हमेशा अन्याय होता रहा है।
अख्तरुल ईमान को शेर करार देते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेज तो देश छोड़ कर चले गए, लेकिन उनके समय में गरीबों का जितना शोषण होता था उतना ही शोषण आज भी पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों का हो रहा है। व्यंग्यात्मक अंदाज में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विकास का नारा खोखला है।
सभा को राजद से तीन बार विधायक रह चुके अख्तरूल ईमान, महाराष्ट्र के प्रो. इरफानुल, हैदराबाद के बहादुरपुर के विधायक मोअज्जम अली खां, सेवानविृत्त अधिकारी स्वरूप लाल दास, एसके विमल, इंसाफ फ्रंट के प्रवक्ता इंजीनियर आफताब अहमद, कटिहर के प्रोफेसर अनवार ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता अख्तरूल ईमान व संचालन हाजी अब्दुस सुभान ने किया।