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हाकिम नहीं थे दफ्तर में, काम की जगह चाय की चुस्कियों में व्यस्त थे बाबू

संयुक्त कृषि कार्यालय की स्थिति अन्य सरकारी दफ्तरों से अलग नहीं है। अफसरों व कर्मचारियों की कार्यशैली सिर्फ ड्यूटी बजाने भर की रह गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Apr 2017 03:05 AM (IST)Updated: Thu, 20 Apr 2017 03:05 AM (IST)
हाकिम नहीं थे दफ्तर में, काम की जगह चाय की चुस्कियों में व्यस्त थे बाबू

भागलपुर। संयुक्त कृषि कार्यालय की स्थिति अन्य सरकारी दफ्तरों से अलग नहीं है। अफसरों व कर्मचारियों की कार्यशैली सिर्फ ड्यूटी बजाने भर की रह गई है। यही कारण है कि गर्मी, सर्दी और बरसात में खेतों पर खून पसीना बहाने अन्नदाताओं को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा है। एसी और पंखे की हवा में कार्य करने वाले अधिकारी व कर्मचारी इस ओर ध्यान नहीं देते। अगर अन्नदाताओं की उन्हें चिंता होती तो नियमित रूप से समय पर पहुंच कर किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का काम करते। बुधवार को दैनिक जागरण के संवाददाता ने सुबह 10 बजे तिलकामांझी स्थित संयुक्त कृषि कार्यालय का जायजा लिया तो कुछ ऐसी अव्यवस्था देखने को मिली।

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समय 10:58 बजे

साहेब मीटिंग में गए थे, आते ही होंगे

सहायक निदेशक उद्यान का कक्ष खाली था। बाहर एक व्यक्ति उनके आने का इंतजार कर रहा था। पूछने पर उसने कहा कि साहेब से काम है। मिलने आए हैं। हालांकि कार्यालय में बाबुओं की उपस्थिति ठीक-ठाक थी। पूछने पर उन्होंने बताया कि साहेब पटना मीटिंग में गए हैं, आते ही होंगे। हालांकि योजनाओं के संबंध में बताया गया कि इस विभाग से संचालित दियारा क्षेत्र में जैविक खेती को कलस्टर बनाकर योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास चल रहा है। यह अलग बात है कि व्यवस्था की मार के कारण मधुमक्खी पालन योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया है। प्रचार-प्रसार के बाद आवेदन तो आए पर राज्य सरकार की ओर से मधुमक्खी बाक्स की आपूर्ति करने वाली एजेंसी तय नहीं किए जाने से योजना के लाभ से किसान वंचित रह गए हैं। सहायक निदेशक उद्यान विजय कुमार पंडित ने भी इस बात को स्वीकार किया।

समय 11:20 बजे

किसानों को अब तक नहीं मिल पाया है अनुदान

जिला कृषि पदाधिकारी अरविंद कुमार झा अपने कार्यालय कक्ष में मौजूद थे। ऐसे में स्वाभाविक है कि जब साहेब हैं तो बाबू भी उपस्थित होंगे। थोड़ी लेट-लतीफी ही सही पर सभी कर्मियों की उपस्थिति थी। डीएओ ने बताया कि कृषि यांत्रिकीकरण योजना सहित रबी की विभिन्न योजनाओं की अनुदान राशि किसानों को भुगतान के लिए प्रखंडों को भेजी जा रही है। उधर, प्रखंड के किसानों ने बताया कि अब तक उन्हें रबी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। जानकारी के अनुसार अभी तक बीज ग्राम एवं मुख्यमंत्री बीज विस्तार योजना की राशि भी जिला मुख्यालय से प्रखंडों को नहीं दी गई है।

समय 11:30 बजे

आधे कर्मी नहीं पहुंचे थे दफ्तर

संयुक्त कृषि निदेशक के कक्ष में पहुंचे तो उनका चेम्बर खाली पड़ा था। स्टेनो भुवन मोहन पोद्दार अपने कार्यालय कक्ष में उपस्थित थे। साहेब कहां गए हैं पूछे जाने पर उन्होंने बताया गया कि मीटिंग में भाग लेने पटना गए हैं। हमें नहीं पता वे कब आएंगे। साहेब के कम्प्यूटर कक्ष में भी सन्नाटा पसरा हुआ था। छायाकार को देखते ही एक कर्मी कक्ष में प्रवेश कर गया। पूछने पर कि अन्य कर्मी कहां गए हैं तो उसने बताया कि आते ही होंगे। बहरहाल, साहेब की अनुपस्थिति के कारण कार्यालय के कर्मी भी अपने कार्य के प्रति संवेदनशील नहीं दिखे।

समय 12:00 बजे

पौधा संरक्षण विभाग में सजग दिखे कर्मी

संयुक्त कृषि भवन परिसर स्थित सहायक निदेशक पौधा संरक्षण विभाग में तैनात कर्मी सजग दिखे। साहेब का कक्ष खाली पाए जाने पर वहां के कर्मियों ने कहा कि वे बांका के कोड़हारा फार्म में क्रॉप कटिंग कराने गए हैं। वहीं पौधा संरक्षण निरीक्षक ने बताया कि विभाग के द्वारा जैविक खेती योजना 62 फीसद, टाल विकास योजना में 71 फीसद लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। फसल सुरक्षा योजना के तहत बीजोपचार का प्रचार-प्रसार किसानों के बीच बेहतर ढंग से किया है।


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