अभी और आठ माह सड़कों पर खाने होंगे हिचकोले
भागलपुर । गड्ढे में सड़क या सड़क पर गड्ढे। बारिश के समय कहना मुश्किल है। भागलपुर से पी
भागलपुर । गड्ढे में सड़क या सड़क पर गड्ढे। बारिश के समय कहना मुश्किल है। भागलपुर से पीरपैंती के बीच एनएच-80 जर्जर है। कहलगांव और पीरपैंती के बीच सड़क ही नहीं है। बदहाल सड़कों के कारण पर्यटन और उद्योग पर बुरा असर तो पड़ ही रहा है दुर्घटनाएं भी बढ़ गई है। सरकारी सिस्टम की सुस्त चाल के कारण अभी और आठ माह तक हिचकोले खाने होंगे। एनएच-80 को दुरुस्त कराने के लिए 60 करोड़ रुपये खर्च हुए। लेकिन एक माह में ही सड़क जर्जर हो गई। इस पर विजिलेंस की जांच कराई गई थी, लेकिन विजिलेंस एसपी अश्विनी प्रसाद के बदलते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया है और 60 करोड़ रुपये कहां चले गए इसका पता नहीं चला। बहरहाल, वर्तमान में शहर को जोड़ने वाली सारी सड़के बदहाल है।
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1. दिसंबर तक बनेगी रमजानीपुर-पीरपैंती एनएच-80
भागलपुर : रमजानीपुर-पीरपैंती एनएच-80 निर्माण के लिए 18.65 करोड़ की लागत से 14 किमी. लंबी सड़क नए सिरे से खुदाई कर बनाने की योजना है। शिवनारायणपुर बाजार के पास जल जमाव होने के कारण तकरीबन एक किमी. पीसीसी सड़क बनेगी। चार दिन पहले बाबा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, अमहारा कंस्ट्रक्शन तथा टॉप लाइन इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी वित्तीय बिड खोला गया। लेकिन 20-22 दिन से पहले टेंडर फाइनल होने की संभावना है। दिसंबर-जनवरी से पहले सड़क निर्माण पूरा होने की उम्मीद कम है।
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2. सबौर-रमजानीपुर एनएच का बनेगा डीपीआर, अबतक कंसलटेंसी का चयन नहीं
भागलपुर : सबौर से रमजानीपुर के बीच 30 किमी. एनएच-80 का डीपीआर कंसलटेंसी बनाएगी। डीपीआर में सड़क के साथ मसाढ़ू समेत पांच पुल निर्माण भी शामिल किया जाएगा। पुल व सड़क निर्माण में 70 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। अब तक कंसलटेंसी का चयन नहीं किया जा सका है। ऐसी स्थिति में आठ-नौ महीने से पहले सड़क निर्माण की उम्मीद नहीं है क्योंकि डीपीआर बनाने व टेंडर फाइनल होने में ही चार-पांच माह लग सकता है।
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3. भागलपुर रेलवे स्टेशन-अकबरनगर हाइवे का होगा री-टेंडर
भागलपुर : भागलपुर रेलवे स्टेशन चौक से अकबरनगर तक एनएच-80 निर्माण के लिए री-टेंडर होगा। क्योंकि ठेकेदार ने इस कार्य में रूचि नहीं दिखाई। एनएच-80 के अधिकारियों ने टेंडर विज्ञापन प्रकाशन के लिए मुख्यालय भेज दिया गया है। री-टेंडर में 10-15 दिन और लग सकता है। इस कार्य में तीन करोड़ खर्च होंगे। विभागीय अधिकारियों के बताया कि इस सड़क की समय सीमा फरवरी 2016 में समाप्त होने के बाद फरवरी में ही विभाग ने निर्माण संबंधी 6.22 करोड़ का स्टीमेट बनाकर मंत्रालय को भेजा था। लेकिन मंत्रालय द्वारा नए दर के अनुसार इस सड़क के निर्माण की राशि 290 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई।
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4. पटलबाबू-सबौर के बीच नहीं हुआ पैचवर्क
भागलपुर : 10.5 करोड़ खर्च कर नए सिरे से पटलबाबू और सबौर इंजीनिय¨रग कॉलेज के बीच एनएच-80 बनाई गई थी। इस सड़क का ठेका बादल युवराज कंपनी को मिला था। लेकिन मानक के अनुसार काम नहीं होने के वजह से सड़क बनने के एक महीने में टूट गई। कई बार निर्देश व चेतावनी के बाद भी सड़क मरम्मत में कोताही बरतने पर विभाग ने ठेकेदार की राशि जब्त कर ली। बाद में विभाग ने 30-40 लाख रुपये खर्च कर मरम्मत के नाम पर जैसे-तैसे पैचवर्क कराया। वाहनों के दवाब में 48 घंटे बाद ही गढ्डे बन गए। इधर, बादल युवराज ने विभाग पर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इसकी वजह से पैचवर्क भी बंद हो गया है। एनएच-80 के अधीक्षण अभियंता लक्ष्मीनारायण सिंह ने बताया कि रमजानीपुर-पीरपैंती एनएच-80 का जल्द ही टेंडर फाइनल होगा। घंटाघर से इंजीनिय¨रग कॉलेज सड़क का स्टीमेट जल्द बनाकर मुख्यालय भेजा जाएगा।
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