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किसी मायाजाल से कम नहीं मोबाइल चोरों का महाजाल

भागलपुर [संजय सिंह] मोबाइल चोरों का महाजाल किसी मायाजाल से कम नहीं है। अमूमन तो पुलिस च

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 03:32 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 03:32 AM (IST)
किसी मायाजाल से कम नहीं मोबाइल चोरों का महाजाल

भागलपुर [संजय सिंह]

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मोबाइल चोरों का महाजाल किसी मायाजाल से कम नहीं है। अमूमन तो पुलिस चोरी के मोबाइल फोनों को खोजने की जहमत नहीं उठाती है, यदि उठाती भी है तो चोरों के पास इससे बचने का तरीका मौजूद है। कई बार कीमती मोबाइल फोनों को पड़ोसी देशों में खपा दिया जाता है। साथ ही उनके पास चोरी के मोबाइल फोन को खपाने के लिए एक बड़ा नेटवर्क मौजूद है।

:- हर माह लग रही है दस लाख की चपत : पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल से हर महीने दो हजार से अधिक मोबाइल फोन चुरा लिए जाते हैं। इनकी अनुमानित कीमत दस लाख रुपये से अधिक है। यह संख्या पुलिस रिकॉर्ड के बलबूते है। वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। कई लोग पचड़े से बचने के लिए मोबाइल फोन चोरी होने का सनहा तक दर्ज नहीं कराते। इस कारण, इसमें वह संख्या शामिल नहीं है।

:- चोरी की एफआइआर नहीं करती पुलिस : यदि कोई अपने मोबाइल फोन के चोरी होने की सूचना लेकर पुलिस के पास जाता है तो पुलिस हर संभव उसे टालने का प्रयास करती है। यदि मजबूरी में सनहा करना ही पड़े तो मोबाइल खोने की सूचना दर्ज की जाती है। इसे खोजने के लिए पुलिस शायद ही कभी जहमत उठाती हो।

:- छोटे बच्चों का गिरोह भी सक्रिय : लोगों की जेब से मोबाइल फोन निकालने के लिए शातिर अपराधी बच्चों का इस्तेमाल करते हैं। लोग अक्सर सब्जी बाजार आदि में झुक कर सामान खरीदते हैं। इस दौरान बच्चे उनकी जेब से मोबाइल फोन लेकर भाग जाते हैं। बात कर रहे लोगों के मोबाइल फोन छीन कर भी उचक्के भाग जाते हैं। लड़कियां आसानी से इनका शिकार बनती हैं।

:- विदेश तक फैला है नेटवर्क : कीमती मोबाइल फोनों को चोर अक्सर पड़ोसी देशों में भेज देते हैं। देश में इस्तेमाल करने पर पकड़े जाने का खतरा रहता है। पड़ोसी नेपाल, बांग्लादेश आदि देशों में मोबाइल फोन की कीमत अधिक मिलती है। साथ ही, वहां पर इनका इस्तेमाल कर रहे लोगों को पकड़े जाने का भी खतरा नहीं रहता है। एक वरीय पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि विदेश में मोबाइल फोन जाने पर पुलिस के लिए उसका पता लगा पाना नामुमकिन है।

:- कौड़ियों के भाव भी बिकते हैं मोबाइल : चोर अक्सर चोरी के मोबाइल फोन के ग्राहक की तलाश में लग जाते हैं। अक्सर चोरी के दस हजार रुपये तक के मोबाइल फोन को महज हजार रुपये तक बेच दिया जाता है। यदि इसकी कीमत हजार-दो हजार रुपये हो तो इसे सौ-दो सौ रुपये में भी निपटा दिया जाता है। कई बार ऐसे फोन के पुर्जो को अलग कर बेच दिया जाता है।

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जुलाई महीने में मोबाइल गायब होने के आंकड़े

जिला : मोबाइल

जमुई : 200

लखीसराय : 45

मुंगेर : 200

सुपौल : 500

सहरसा : 150

मधेपुरा : 500

अररिया : 114

खगड़िया : 16

किशनगंज : 50

कटिहार : 62

पूर्णिया : 200

भागलपुर : 200

बांका : 52

योग : 2289

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मोबाइल चोरों को पकड़ने के लिए हर जिले में साइबर सेल का गठन किया गया है, लेकिन यह चोरी के मोबाइल फोन पर अधिक ध्यान देता है। खोए मोबाइल फोनों के मामले में कम ध्यान दिया जाता है। ऐसी घटना ना हो, इसके लिए लोगों को सजग रहने की जरूरत है।

- आशीष भारती

एसपी, मुंगेर


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