कई पीएचसी में एक्स-रे नहीं, मरीजों को परेशानी
भागलपुर । जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में एक्सरे मशीन नहीं होने से मरीजो
भागलपुर । जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में एक्सरे मशीन नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। मजबूरन उन्हें अधिक पैसे खर्च कर निजी क्लिनिकों में एक्सरे कराना पड़ रहा है। ऐसा कमीशन के खेल की वजह से हो रहा है। यह स्थिति कई वर्षो से है।
विशेषज्ञों की कमी
नवजात के शरीर को गर्म रखने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रेडिएंट वार्मर तो है पर विशेषज्ञ के अभाव में शिशु को क्लिीनिक में इलाज करवाना पड़ता है। निजी क्लिीनिकों में इसके लिए पांच सौ से लेकर एक हजार रुपये तक खर्च पड़ते हैं।
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इन स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं है एक्सरे
जगदीशपुर, सन्हौला, कहलगांव व गोपालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे मशीन नहीं है।
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भुगतान नहीं होने से बंद हुआ एक्सरे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एजेंसी द्वारा एक्सरे किया जाता था। पर सरकार द्वारा भुगतान नहीं दिए जाने पर एक्स-रे बंद कर दिया गया।
प्रतिदिन 20-30 मरीजों को एक्सरे की जरूरत
प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्रों में तीन सौ से चार सौ मरीजों का इलाज किया जाता है। एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 20 से 30 ऐसे मरीज आते हैं जो कमर या गर्दन दर्द से परेशान होते हैं। इन्हें एक्स-रे करवाने की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे निश्शुल्क किया जाता है। वहीं निजी सेंटर में सौ रुपये से ज्यादा मरीजों से लिया जाता जाता है।
रेडिएंट वार्मर के नहीं हैं विशेषज्ञ
सदर अस्पताल सहित जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रेडिएंट वार्मर तो लगाए गए हैं लेकिन विशेषज्ञ नहीं हैं। नवजात के शरीर में तापमान की कमी होने पर उसे उपकरण में रखा जाता है। इसके लिए नर्सो को भी प्रशिक्षण दिया गया है। लेकिन विशेषज्ञ की कमी की वजह से उपकरण का उपयोग कम होता है। सदर अस्पताल में भी शिशु रोग विशेषज्ञ के अभाव में रेडिऐंट वार्मर शो पीस बना हुआ है।