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शहर में फर्राटा भर रहे नए चोले में बूढ़े ट्रक

भागलपुर। शहर में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए रेलवे के मालगोदाम से चलने

By Edited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 03:05 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 03:05 AM (IST)

भागलपुर। शहर में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए रेलवे के मालगोदाम से चलने वाले ट्रकों को नया चोला पहनाकर चलाया जा रहा है। इससे न सिर्फ प्रदूषण फैल रहा है बल्कि प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देशों की भी हवा निकल रही है। यह सब परिवहन विभाग व पुलिस की मिलीभगत से हो रहा है।

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ऐसे ट्रकों का भले ही बाहर से डेंटिंग-पेंटिंग करा लिया गया है, लेकिन इंजन पुराना होने के कारण ये वातावरण में प्रदूषण रूपी जहर घोल रहे हैं। ओवरलोड लेकर ट्रकें दौड़ नहीं लगा पा रहा है। हालांकि माल अनलोड करने के बाद यही ट्रक फर्राटा भरने लगते हैं। इन ट्रकों पर व्यवसायियों का सीमेंट आदि ढोया जा रहा है जो मालगाड़ी से भागलपुर पहुंचता है। इनमें से अधिकांश ऐसे ट्रक हैं जिसके कागजात सही नहीं हैं। बताया जा रहा है कि इन ट्रकों को लाख-डेढ़ लाख में खरीदकर लाया गया है। इसका खुलासा तब हुआ जब परिवहन विभाग ने ट्रक मालिकों से कागजात की मांग की थी।

कार्रवाई नहीं होने से ट्रक मालिकों का मनोबल बढ़ा :

सवा सौ से अधिक ट्रकों का परिचालन कोयला डिपो से हो रहा है, लेकिन मात्र 16 ट्रकों के कागजात ही परिवहन विभाग को सौंपा गया है। इन ट्रकों को नो-इंट्री में परिचालन की अनुमति दी गई है। लेकिन ट्रकों का परिचालन रात्रि में कराया जा रहा है, लेकिन विभागीय कार्रवाई नहीं होने के कारण इन ट्रक मालिकों का मनोबल बढ़ा हुआ है। ट्रक मालिकों को रेलवे के पुलिस पदाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है प्रतिबंध के बावजूद ट्रकों को मालगोदाम में खुलेआम रखा जा रहा है।

फिटनेस रिपोर्ट पर मिलेगी अनुमति :

उधर, कागजात सही रहने पर 15 साल से अधिक पुराने ट्रकों का परिचालन हो सकता है। इसके लिए मोटर यान निरीक्षक का फिटनेस रिपोर्ट भी आवश्यक होगा। एमवीआइ ऐसे वाहनों को जितनी अवधि का फिटनेस परमिट देंगे, उतनी ही अवधि तक पुरानी गाड़ियां सड़कों पर दिखेंगी। यह निर्णय मंगलवार को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की बैठक में लिया गया।

खुलेआम दौड़ रही जुगाड़ गाड़ियां :

शहर की सड़कों पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में जुगाड़ गाड़ियां बेधड़क दौड़ रही हैं। जुगाड़ गाड़ियों के चालक पुलिस व परिवहन विभाग की जेब गर्म कर परिचालन कर रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट ऐसे वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगा चुका है। 13 मई को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त आरएल चौंग्थू ने जिला व पुलिस प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि भागलपुर-बांका जिले की सड़कों पर जुगाड़ गाड़ियों का परिचालन किसी भी कीमत पर नहीं होने के लिए दोनों जिलों की पुलिस के अलावा जिला परिवहन पदाधिकारी और मोटर यान निरीक्षक को निर्देश दिए थे।

ओवरलोड वाहनों पर नहीं हो रही कार्रवाई :

इतना ही नहीं आयुक्त ने दोनों जिलों के अधिकारियों से ओवरलोडिंग रोकने और इसके लिए सघन अभियान चलाने को भी कहा था। उन्होंने सड़क पर चल रहे 15 साल पुराने ट्रकों की फिटनेश जांच कराने और फिटनेश में फेल होने पर उसे सड़क से बाहर करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद जिला प्रशासन व पुलिस न तो जुगाड़ गाड़ियों के संचालन पर रोक लगा पा रहा है और न ही खटारा ट्रकों पर।

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मात्र 16 ट्रकों को नो-इंट्री में परिचालन की अनुमति

जिला प्रशासन ने जांच पड़ताल के बाद 16 मालवाहक ट्रकों को नो-इंट्री में परिचालन की अनुमति दी है। बिहार राज्य भंडार निगम, बागवाड़ी के अधीक्षक ने 19 ट्रकों को नो-इंट्री से मुक्त करने के लिए अनुरोध किया था। इन ट्रकों से संबंधित कागजात की जांच जिला परिवहन पदाधिकारी ने की थी। जांच के बाद 19 में से 16 ट्रकों के कागजात ही अद्यतन पाये गये। डीटीओ ने जांच हेतु वाहन संख्या से संबंधित कागजात, टैक्स, इंश्योरेंस, फिटनेस, प्रदूषण, परमिट व ऑनर बुक को आधार बनाया था। इसमें चालक की ड्राइविंग लाइसेंस की जांच नहीं हो सकी है। डीटीओ व एमवीआइ को ड्राइविंग लाइसेंस की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। निर्देश है कि अनुमति पत्र को ट्रक के अग्र भाग में लगाना है। जिला पदाधिकारी आदेश तितरमारे ने कहा है कि नो इंट्री में चलने वाले वाहनों से दुर्घटना, ओवरलोड व अन्य विसंगति होने की स्थिति में भंडार निगम के अधीक्षक के साथ-साथ वाहन मालिक, चालक व परिवहन अभिकर्ता पूर्णरुपेण जिम्मेदार होंगे।

मालूम हो कि डीएम ने एक आदेश जारी कर सभी मालवाहक ट्रकों के नो इंट्री में परिचालन के लिए लाइसेंस रद कर दिये थे और नये सिरे से लाइसेंस लेने का आवेदन देने का निर्देश दिया था। इन ट्रकों में बीआर 10 ए-8533, बीआर 24 जी-1611, बीआर10 बी-7770, बीडब्लू 11-7543, बीआर 10एन-4808, बीआर 10 ए-8827 व डब्लूबी 23 ए-1898 आदि हैं। इन ट्रकों की टैक्स जमा अवधि अगस्त तक है। वहीं 2017 तक बीमा है। अधिकतम गाड़ियों की प्रदूषण जांच रिपोर्ट अक्टूबर तक है। गाड़ियों को अधिकतम परिचालन 31 अगस्त तक के लिए मिली है। कहा गया है कि परिचालन की अवधि समाप्त होने पर फिर से अनुमति लेना होगा। डीएम ने अनुमति पत्र को ट्रक के अग्र भाग में प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है।


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