मध्याह्न भोजन के नाम पर अनाज की कालाबाजारी!
भागलपुर [आलोक कुमार मिश्रा] जीरोमाइल और अलीगंज में अनाज की कालाबाजारी करने वाले गिरोहा
भागलपुर [आलोक कुमार मिश्रा]
जीरोमाइल और अलीगंज में अनाज की कालाबाजारी करने वाले गिरोहों के भंडाफोड़ के बाद भी इस गोरखधंधे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। मध्याह्न भोजन (एमडीएम) के नाम पर धड़ल्ले से सरकारी चावल की कालाबाजारी जारी है। मानिक सरकार क्षेत्र में घाट किनारे बाढ़ की चपेट में आए एक बहुमंजिली भवन से मंगलवार को पिकअप वैन (बीआर 10 एफ-2487) से सरकारी चावल की ढुलाई कराई जा रही थी। बोरी पर भारत सरकार लिखा हुआ था। तकरीबन 25 बोरी चावल वैन पर लादे जा चुके थे। पिकअप वैन के चालक से बातचीत करते देख तीन-चार युवक उक्त घर से निकले और भड़क गए।
स्वयं को कन्हैया कुमार बता रहे युवक का कहना था कि पिकअप वैन पर लादे गए चावल मध्याह्न भोजन के हैं। सोमवार को नाथनगर के आठ-दस स्कूलों में वितरित करने के बाद चौवनिया और दिलदारपुर स्कूलों में अनाज बांटने जाना था। पर बाढ़ के कारण आवागमन की समस्या होने तथा रात आठ-नौ बजने के कारण वैन चालक ने चावल इस मकान में रख दिया। पूछने पर कन्हैया व वैन चालक ने बताया कि इस मकान में अनाज रखने से पहले विभागीय अधिकारियों की स्वीकृति नहीं ली थी। पिकअप वैन पर लादे गए अनाज की बोरियां कहां पहुंचानी के बारे में पूछने पर कन्हैया व उसके साथियों ने चुप्पी साध ली।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब पिछले कई दिनों से नवगछिया, नाथनगर, सबौर, गोराडीह एवं कहलगांव का अधिकांश इलाका बाढ़ में डूबा हुआ है और वहां के अधिकांश स्कूल बंद हैं तो चौवनिया और दिलदारपुर के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन का अनाज पहुंचाने की बात कैसे कही जा रही है। जबकि उन इलाकों के लोग तो खुद बाढ़ की वजह से सुरक्षित स्थान पर शरण के लिए पलायन कर चुके हैं। बहरहाल, भारत सरकार लिखे बोरे में अनाज की ढुलाई करना और पूछने पर आक्रोशित होना कई सवाल खड़े कर रहा है।
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कोट
कोई कहीं भी अनाज रखा होगा, लेकिन सप्लाई विभाग का नहीं है। बाढ़ पीड़ितों के वितरण के लिए अभी चावल का आवंटन नहीं हुआ है। सबौर गोदाम से अनाज का उठाव कई दिनों से बंद है। बागबाड़ी में टाउन एजीएम का चार्ज नहीं मिला है। इसलिए शहरी क्षेत्र में अनाज कौन देगा।
- श्याम सुंदर प्रसाद, मार्केटिंग ऑफिसर।
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गत 19 अगस्त को एसएफसी गोदाम से अनाज का उठाव होने के बाद संवेदक द्वारा नाथनगर के स्कूलों में मध्याह्न भोजन का अनाज वितरित कर दिया गया है। जिस दिन गोदाम से उठाव होता है उसी दिन स्कूलों में अनाज बांट दी जाती है। रात होने की स्थिति में भी संवेदकों को किसी के घर में नहीं बल्कि प्रखंड कार्यालय परिसर में अनाज लदे वाहन लगाने का निर्देश है। कन्हैया कुमार नाम का कोई संवदेक नहीं है। मानिक सरकार घाट किनारे स्थित बहुमंजिली भवन में अनाज रखने की कोई सूचना नहीं है। वैसे भी बाढ़ के कारण चौवनिया या दिलदारपुर के स्कूल बंद हैं। ऐसी स्थिति में मध्याह्न भोजन का अनाज पहुंचाने का प्रश्न ही नहीं होता है।
- ज्योति कुमार, मध्याह्न भोजन प्रभारी, भागलपुर।