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जिले में 78 नए टीबी के मरीज मिले

भागलपुर। एक तरफ देश में टीबी यानी क्षय रोग को पूरी तरह खत्म करने के लिए व्यापक तौर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वहीं सरकारी तंत्र की उदासीनता के कारण जिले में टीबी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि जिले में 78 नए टीबी के मरीज मिले हैं। दरअसल, इस खतरनाक बीमारी को देखते हुए पूरे 1962 में अभियान चलाकर टीबी के मरीजों को चिह्नित कर उनका इलाज किया गया था। लेकिन बाद में यह अभियान सुस्त पड़ गया था। ऐसे में मरीजों की पहचान नहीं होने के कारण पीड़ितों की संख्या में एक बार फिर इजाफा होने लगा है।

By Edited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 02:03 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2017 02:03 AM (IST)
जिले में 78 नए टीबी के मरीज मिले
जिले में 78 नए टीबी के मरीज मिले

भागलपुर। एक तरफ देश में टीबी यानी क्षय रोग को पूरी तरह खत्म करने के लिए व्यापक तौर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वहीं सरकारी तंत्र की उदासीनता के कारण जिले में टीबी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि जिले में 78 नए टीबी के मरीज मिले हैं।

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दरअसल, इस खतरनाक बीमारी को देखते हुए पूरे 1962 में अभियान चलाकर टीबी के मरीजों को चिह्नित कर उनका इलाज किया गया था। लेकिन बाद में यह अभियान सुस्त पड़ गया था। ऐसे में मरीजों की पहचान नहीं होने के कारण पीड़ितों की संख्या में एक बार फिर इजाफा होने लगा है। खासकर वैसे ग्रामीण क्षेत्र जहां के लोग चिकित्सा व्यवस्था का लाभ नहीं ले पाते और टीबी जैसी बीमारी का इलाज करवाने से विफल रहते हैं।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर खुली विभाग की नींद

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली है और विभाग की ओर से घर-घर दस्तक देकर टीबी पीड़ितों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। अभियान में 4825 लोगों की जांच की गई, जिसमें 78 लोगों के बलगम में टीबी के लक्षण मिले हैं।

स्लम एरिया व ईट भट्ठों पर रखी जा रही नजर

स्वास्थ्य विभाग के सहायक निदेशक डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि 1962 के बाद अभियान में शिथिलता आ गई थी। सघन अभियान के तहत जिला यक्ष्मा विभाग के कर्मचारी स्लम एरिया, ईट भट्ठे आदि क्षेत्रों में जाकर टीबी मरीजों की खोज करते हैं। जिला यक्ष्मा केंद्र में जो मरीज बीमारी के प्रति जागरूक हैं वहीं इलाज करवाने आते हैं। अत: यह अभियान केंद्र सरकार द्वारा 16 जनवरी से प्रारंभ किया गया है। बिहार में भागलपुर समेत छह जिलों को शामिल किया गया है। सोमवार को नाथनगर चंपानगर सहित अन्य क्षेत्रों में अभियान में चलाया गया।

तीन वर्ष में मिले 3505 टीबी के मरीज

जिला यक्ष्मा कार्यालय द्वारा प्राप्त आंकड़े के मुताबिक 2014 से 2016 में कुल 3505 टीबी के मरीजों का इलाज किया गया। टेक्नीशियन आशुतोष के मुताबिक मरीजों के बलगम में पॉजीटिव लक्षण मिले।

टीबी के लक्षण

-तीन सप्ताह से खांसी होना

-वजन कम होना

-भूख नहीं लगना आदि

बरतें सावधानी

-टीबी मरीज का बलगम खुले में न फेंकें

-इससे स्वस्थ्य व्यक्ति भी टीबी से ग्रसित हो सकता है

-खाने की थाली, ग्लास अलग रखना चाहिए


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