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दो दिन पूर्व यदि भंवरा बंद कर दिया जाता तो नही आती ऐसी नौबत

भागलपुर। दो दिन पूर्व यदि भंवरा बंद कर दिया जाता तो अनुमंडल व न्यायालय परिसर को डूबने से बचाय

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 03:28 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 03:28 AM (IST)
दो दिन पूर्व यदि भंवरा बंद कर दिया जाता तो नही आती ऐसी नौबत

भागलपुर। दो दिन पूर्व यदि भंवरा बंद कर दिया जाता तो अनुमंडल व न्यायालय परिसर को डूबने से बचाया जा सकता था। इस संबंध में नवगछिया व्यवहार न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संतोष कुमार ने कहा कि भंवरा बंद नही करने के कारण अनुमंडल व न्यायालय परिसर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। उन्होंने यह भी कहा हैं कि प्रशासनिक अधिकारी लापरवाही बरतने के कारण अनुमंडल व न्यायालय परिसर में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है। ज्ञातव्य हो की गुरूवार की देर रात आंधी तूफान के वजह से जमींदारी बांध टूट गया था। इस कारण बाढ़ का पानी एनएच पर बने भंवरा होकर नवगछिया न्यायालय परिसर में प्रवेश कर गया। वहीं अधिवक्ता का कहना है कि सरकारी जमीन के अतिक्रमण करने के कारण न्यायालय परिसर के जल निकासी के लिए बना भंवरा बंद हो गया है। इस कारण न्यायालय परिसर में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। अधिवक्ता ने न्यायाधीश से सरकारी जमीन को खाली करवाने के लिए अनुरोध किया है। जेसीबी से मिट्टी को काटकर मकंदपुर चौक के पास भंवरा द्वारा जल निकासी करवाने की मांग किया है।

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