बिना पंजीयन कराए भरा दिया फॉर्म
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से जुड़े संबद्ध कॉलेजों ने सैकड़ों छात्रों का बिना
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से जुड़े संबद्ध कॉलेजों ने सैकड़ों छात्रों का बिना पंजीयन कराए ही परीक्षा फॉर्म भरा दिया। इतना ही नहीं कॉलेजों के द्वारा बिना पंजीयन के ही छात्रों को परीक्षा में शामिल भी करा दिया। विश्वविद्यालय ने भी छात्रों का फॉर्म जांच किए ही परीक्षाफल घोषित कर दिया। यह गोरखधंधा परीक्षा विभाग व पंजीयन शाखा की मिलीभगत चल रहा था। इसका खुलासा विश्वविद्यालय द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है।
तारड़ व सीएम कॉलेज बिना राज्य सरकार की मान्यता के ही छात्रों को फर्जी तरीके से परीक्षा पास कराने के कार्य में लगे थे। हालांकि दोनों ही कॉलेजों को कुछ विषयों में संबंद्धन प्राप्त है, लेकिन नामांकन अधिकांश विषयों में ली जा रही थी। कॉलेज द्वारा स्नातक में बिना नामांकन, पंजीयन व फॉर्म भरे ही छात्रों को परीक्षा में शामिल कराया गया। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई ऐसे छात्रों को परीक्षा में शामिल करा दिया गया, जिन्होंने नामांकन व पंजीयन तो कराया है, लेकिन परीक्षा फॉर्म नहीं भरा। ऐसे भी छात्रों को परीक्षा में शामिल कराया गया है, जिन्होंने नामांकन कराकर बिना पंजीयन कराए ही फॉर्म भर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे छात्रों के परीक्षाफल प्रकाशन पर रोक लगा दी है। तारड़ कॉलेज व सीएम कॉलेज के मामले जांच टीम में शामिल लोगों का कहना है कि 16 सौ ऐसे भी छात्र हैं, जिनका पंजीयन ही फर्जी है और वे स्नातक की परीक्षा पास कर चुके हैं।
एलॉट होता था रौल नंबर
संबद्ध कॉलेजों के छात्रों को पिछले वर्ष तक परीक्षा के दिन भी रौल नंबर एलॉट किया जा रहा था। ऐसे कॉलेजों द्वारा पूर्व में एक मुश्त राशि विश्वविद्यालय में जमा कर दी जाती थी और टुकड़ों में फॉर्म विश्वविद्यालय को भेजा जाता था। उदाहरण के तौर पर संबद्ध कॉलेज 16 सौ छात्रों के फॉर्म की राशि विवि में जमा कर देता है। फॉर्म भरने की अंतिम तिथि के एक दिन बाद 12 सौ फॉर्म जमा कर देता है। इसके बाद परीक्षा के दिन तक सौ, पचास करके फॉर्म जमा करता है। मजे की बात है कि बिना पंजीयन के फॉर्म को स्वीकार कर परीक्षा विभाग के द्वारा रौल नंबर एलॉट कर दिया जाता है।
बिना माइग्रेशन के ही ले लिया नामांकन
कई संबद्ध कॉलेजों में बिना माइग्रेशन के ही छात्रों का नामांकन ले लिया गया है। अगर पश्चिम बंगाल का छात्र यहां के कॉलेजों में स्नातक में नामांकन लेता है तो उसे माइग्रेशन जमा करना होता है। लेकिन संबद्ध कॉलेजों में कई छात्रों का नामांकन बिना माइग्रेशन के ही ले लिया गया है। इतना ही नहीं एक ही छात्र का दो-दो विभागों में नामांकन कराकर दो-दो पंजीयन नंबर एलॉट कर दिया गया है।